द पब्लिकेट, इंदौर। सांवेर रोड स्थित प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ धोखाधड़ी हो रही है। स्टूडेंट्स से एडमिशन के समय यूनिवर्सिटी ने इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के नाम पर मोटी फीस तो वसूल ली, लेकिन जब स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी से समय आने पर अपना हक मांगा तो प्रबंधक मुकर गए। स्टूडेंट्स अब परेशान हो रहे है क्योंकि उन्होंने अपने माता-पिता की महनत की कमाई जिस यूनिवर्सिटी के लगाई वह अब स्टूडेंट्स के साथ धोखाधड़ी कर रही है। इसी के चलते कल स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर अपना हक मांगा और जवाब न मिलने पर एसडीएम ऑफिस में यूनिवर्सिटी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की है।
छात्र नेता यश यादव ने बताया प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी में करीब 100 स्टूडेंट्स के साथ पढ़ाई के नाम पर खिलवाड़ हुआ है। यूनिवर्सिटी ने एडमिशन के समय 11 लाख की फीस वसूल ली, लेकिन जब बात पढ़ाई की हुई तो और स्टूडेंट्स ने अपना हक मांगा तो पुलिस का डर दिखाकर और फेल का डर दिखाकर स्टूडेंट्स को चुप करवा दिया। पिछले पांच महीने से कॉलेज के सेकड़ो स्टूडेंट्स प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे है, लेकिन यूनिवर्सिटी से कोई रिस्पांस नहीं आ रहा है। स्टूडेंट्स ने कल यूनिवर्सिटी में हंगामा करने के बाद सांवेर एसडीएम घनश्याम धनगर से धोखाधड़ी की शिकायत की है। स्टूडेंट्स ने जब यूनिवर्सिटी में जाकर डायरेक्टर सुधीर प्रधान के सामने अपनी बात रखी तो वह भीगी बिल्ली बने चुप बैठे थे। उनके पास स्टूडेंट्स को देने के लिए कोई जवाब नहीं था।
मामले में एसडीएम घनश्याम धनगर का कहना है कि स्टूडेंट्स में शिकायत की है। जब प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के प्रबंधक केतन जैन से बात करने का प्रयास किया तो पता चला की वह बाहर है। उनको बुलाकर मामला समझेंगे।

स्टूडेंट्स ने इसलिए किया प्रदर्शन
- एडमिशन के समय यूनिवर्सिटी ने 30 से 50 हजार रुपए की इंटर्नशिप देने का वादा किया था, लेकिन अब वह चुप्पी साधे बैठी है।
- यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स को एडमिशन के समय आठ लाख की प्लेसमेंट ( नौकरी लगवाने ) का वादा किया, लेकिन अभी तक किसी की नौकरी नहीं लगी।
- डुअल स्पेशलाइजेशन नाम के एक कोर्स की पढ़ाई करवाने का एडमिशन के समय कहा गया था। फीस में उस सब्जेक्ट के भी रुपए लिए है लेकिन अभी तक कोर्स शुरू ही नहीं हुआ।
- यूनिवर्सिटी का इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के नाम पर स्टूडेंट्स से जो फीस ली थी वह भी स्टूडेंट्स को नहीं मिल रही है।
- स्टूडेंट्स ने जब यूनिवर्सिटी को शिकायतें की तो उनको पुलिस का डर दिखाकर चुप कर दिया गया।
- यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की शिकायतें सुनने वाला कोई नहीं है। अगर किसी को शिकायत सुनाओ तो वह धमकाकर भगा देता है।
