- नहीं था खाना बनाने वाले कर्मचारियों का मेडिकल सर्टिफ़िकेट
- नहीं थी आखरी बार पेस्ट कंट्रोल करवाने की जानकारी
- करीब 10 कर्मचारी बनाते है 7 हॉस्टल का खाना
इंदौर। क्वेस्ट गर्ल्स हॉस्टल के सहित 7 हॉस्टल का खाना स्कीम नम्बर 78 स्थित अशीमारा होऊसिंग प्राइवट लिमिटेड में बनता है। यहां पर फूड एंड ड्रग की टीम जब जांच के लिए पहुंची तो पाया गया कि किचन में कई प्रकार की एसी चीजें थी जिसके कारण हॉस्टल केयुवाओं को खराब खाना मिल रहा था। टीम ने खाने के सेंपल लिए है।
22 मई की द पब्लिकेट ने “Quest Girls Hostel” में मिल रहा खराब खाना, शिकायतों के बाद भी निराकरण नहीं नाम से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद आज टीम पहले Quest Girls Hostel पहुंची, वहां के स्टाफ ने उनको बताया कि खाना स्कीम नम्बर78 स्थित अशीमारा होऊसिंग प्राइवट लिमिटेड किचन में बनता है। टीम मौके पर पहुंची ओर जांच की तो देखा की किचन की दीवारों पर जाले लगे थे, खाने का कच्चा माल धूप में रखा था जो की नहीं होना चाहिए। वहीं,टीम ने जब खाना बनाने वाले कर्मचारियों का मेडिकल सर्टिफ़िकेट मांगा तो कर्मचारी चुप्पी साध गए। यहां तक की किचन में आखरी बार पेस्ट कंट्रोल कब कराया उसकी भीजानकारी किचन के स्टाफ के पास नहीं थी यह सब जांच पड़ताल करने के बाद टीम ने खाने से सेंपल लिए है, कुछ दिन बाद इसके परिणाम आएंगे, जिसके बाद कार्यवाई होगी।
मालूम हो, Quest Girls Hostel में कुछ महीनों से खराब खाने की शिकायतें आ रही थी। हॉस्टल में रहने वाली युवतियों को कोखराब खाना मिल रहा था, खाने में कीड़े, मकोड़े, जैसी चीजें निकल रही थी। मामले में हॉस्टल वॉर्डन से चर्चा हुई थी लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया ओर ना ही हॉस्टल मेनेज कर रहे दिनेश सोनी से कॉल उठाया था।
फूड इन्स्पेक्टर अलमेलू ने बताया आज हम टीम के साथ हॉस्टल गए थे, वहां से जानकारी मिली की किचन स्कीम नम्बर 78 में है, जहांपर निरक्षण किया ओर नमूना कार्यवाई की, साफ सफ़ाई की शिकायतें मिली उसकी जांच भी की है। रॉ मटेरीयल्स का निरक्षण किया, जिसके मैदा ओर बेसन में बाहरी वस्तु की आशंका हुई थी तो उसका नमूना भी लिया है। नमूने की जांच होने के बाद आगे की कार्यवाईकी जाएगी। वहीं, किचन के कर्मचारियों का मेडिकल सर्टिफ़िकेट नहीं पाया गया। अगर जांच में कुछ गलत पाया गया तो किचन को नोटिस जाएगा।
पुरानी खबर पड़ने के लिए नीचे क्लिक करें