इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में विकास तेजी से हो रहा है। यह शहर सफाई के अलावा खाने में भी नम्बर वन है, लेकिन इस शहर में आने वाले बाहर के युवाओं को कई हॉस्टल वाले क़िमती दरों पर हॉस्टल ओर खाना देने के नाम परगुमराह कर रहे है। खराब खाना दे रहे है। आज की खबर में हम हम बताने जा रहे है की लसुड़िया इलाके के क्वेस्ट हॉस्टल की, जहां पर रह रही तक़रीबन 30 से ज़्यादा युवतियों को खाने के नाम पर खराब खाना दिया जा रहा है। आए दिन खाने में कीड़े, मकोड़े, बाल जैसेअन्य कुछ चीजें निकल जाती है, जिससे वहां की युवतियां परेशान है। कई बार इसकी शिकायते भी की लेकिन इसके बाद भी कुछ नहींहुआ।
“क्वेस्ट गर्ल्स हॉस्टल” यह हॉस्टल नामी कम्पनी योर स्पेस की एक फ़र्म है। इनके हॉस्टल दिल्ली, पूने, बेंगलोर जैसे देश के बड़े शहरों मेंहै। चुकी यह इतने बड़े शहरों के है इसलिए अधिकतर युवा अच्छी सर्विस सोच कर इसी में बाहर से आकर रहते है, ताकी उनको अच्छी सुविधा मिल सके, लेकिन एसा नहीं हो रहा है। क्वेस्ट गर्ल्स हॉस्टल में हर युवती से करीब 12 से 15 हजार रूपए हर महीने लिए जाते है, जिसमें 12 % GST अलग से देना होता है। इन सब के बाद भी युवतियों को सुविधा नहीं मिल रही है। द पब्लिकेट के पास काफी दिनों से शिकायत आ रही थी की लसुड़िया इलाके स्थित क्वेस्ट गर्ल्स हॉस्टल में रह रही युवतियों को खाने के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। हमारे पास खाने की तस्वीरें भी सामने आइ है, जिसे देख कर साफ लग रहा है की अगर दिखने में यह एसी होगी तो यह खाएँगे कैसे।आए दिन रोटी में बाल निकल जाता है, सभी में कीड़े–मकोड़े, ओर दाल में मच्छर निकल रहे है। हॉस्टल में रह रही युवतियों ने इसकी शिकायत कई बार संचालक की की, कितनी बार इस विषय में मीटिंग भी हुई, लेकिन इसका हल नहीं निकला। इसके अलावा हॉस्टलमें बिजली की समस्या भी काफी समय से चल रही है, पिछले एक महीने से हॉस्टल का जनरेटर खराब है जिसके कारण युवतियों को पड़ाई करने में समस्या आ रही है। ओर हॉस्टल का वायफाय भी खराब हो रहा है जिसके कारण प्राजेक्ट्स देरी से बन रहे है।
मामले की जानकारी के लिए द पब्लिकेट के रिपोर्टर ने कई बार हॉस्टल मेनेज कर रहे दिनेश सोनी से सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया। वहीं, हॉस्टल की वॉर्डन सिया से भी इस मामले में चर्चा हुई तो उनका कहना था की इस विषय में आप सर से चर्च कीजिए। जब हमने उनका नम्बर मांगा तो वॉर्डन बोली की सर आपको कॉल कर लेंगे। इसके बाद जब यह पूछा की खाना कहा बनता है तो वह बोली की खाना विजय नगर में कही किचन में बनता है, लेकिन हमें लोकेशन नहीं पता। हमारे हॉस्टल में खाना नहीं बनता है, आप “योर स्पेस” की वेबसाईट पर जाकर सम्पर्क करो।
मामले में फूड इन्स्पेक्टर मनोज रघुवंशी से बात हुई तो उन्होनें बताया कि एसे मामलों में पहले खाने की संपेलिंग होती है, अगर खाने कीस्तिथिया खराब मिलेगी तो फूड एंड सेफ्टी ऐक्ट की धारा 56 पंजीबद्ध होगी।
[…] 22 मई की प्रकाशित खबर […]