- देशभर सहित इंदौर में भी फलफूल रहा डिजिटल हवाले का कारोबार
- गरीबों के खातों में लाखों की राशि डलवाकर हो रही टैक्स चोरी
- डिजिटल हवाले से जुड़े है शहर के कई इंफ्लुएंसर
द पब्लिकेट से भव्य द्विवेदी, इंदौर। देशभर में हवाले का कारोबार हो रहा है। बड़े-बड़े कारोबारी अपना काला धन छुपाने के लिए, टैक्स चोरी करने के लिए इसका उपयोग करते है। लेकिन वर्तमान स्तिथि में हम एक एसे हवाले से रूबरू हुए है जो डिजिटल तरीके से संचालित होता है। इस डिजिटल हवाले में लाखों करोड़ों राशि का आना जाना तो लीगल है, लेकिन जिन अकाउंट्स में यह राशि आ रही है उनका कुछ पता नहीं है। इस मामले में द पब्लिकेट की खास खबर…
देश में डिजिटल हवाला करने वाले लोग ऐसे है, जिन्हें पकड़ना मुश्किल है। यह लोग साधारण तरीके से अपना जीवन जीते है। रिसर्च के दौरान जानकारी जुटाई तो पता चला की यह अवैध डिजिटल हवाला देशभर के अलावा इंदौर में भी कई लोग बैठकर कर रहे है। दूसरे देश से गेमिंग और गैंबलिंग का पैसा यूएसडीटी के मध्यम से पैसा तो मंगवा लेते है लेकिन वह पैसा ग्रामीण या फिर गरीब लोगों से अकाउंट खुलवा कर डलवाते है, जो सीधा सीधा टैक्स चोरी की श्रेणी में आता है। क्रिकेट, एविएटर, प्रेडिक्शन जैसे कई गेम्स आपको ऑनलाइन दिख जाएँगे जो पूरे तरीके से देश में अवैध है लेकिन फिर भी खेले जा रहे है। हालही में मल्हारगंज पुलिस ने ऐसे एक मामला में प्रकरण दर्ज किया था। उस मामले में दो लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके किसी परिचित ने उनसे जन धन योजना स्कीम के नाम पर अकाउंट खुलवा लिए और अकाउंट में जैसे ही पैसे आए उन्होंने निकाल लिए। मामले में पुलिस ने बिचोलिया बैंककर्मियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
इंदौर में कई ऐसे इंफ्लुएंसर है जिनको दूसरे देश के ऑनलाइन गेम्स को प्रमोट करने पर मोटी रकम मिल रही है। यह लोग सीधा अपने अकाउंट्स में राशि नहीं डलवाते। इन लोगों ने अकाउंट अरेंज करवाने के लिए ऐसे लोग रखे है जो सीधा उनका काला धन सफेद करवाकर देते है। इंफ्लुएंसर के ऑनलाइन गेम को प्रमोट करने के बाद उनको बायनेंस के माध्यम से यूएसडीटी आती है, जिसके बाद वह बायर ढूंढते है जिसे वह यूएसडीटी देकर रुपए लें। उनको जब बायर मिल जाता है तो वह उसे यूएसडीटी देते है। लेकिन जब राशि लाखों/करोड़ों की है तो यह पैसा सरकार से छुपाने के लिए वह हवाले के माध्यम से लेते है। अपने व्यक्ति को बोलकर अकाउंट खुलवाकर उनमें राशि डलवाते है। और जिन लोगों के अकाउंट्स में राशि जाती है उनको 2% देते है, लेकिन उन्हें यह नहीं बताते की पैसा आया कहा से है। जानकारी जुटाने पर पता चला की शहर में संस्कार, ध्रुव, मनय और अभिषेक नाम के व्यक्ति अकाउंट्स के हेर-फेर के काले काम में शामिल है। यह लोग कमीशन पर लोगों को अकाउंट्स खुलवाकर देते है।