द पब्लिकेट से अनुश्री करंकार। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों काफी सुर्खियों में चल रहे है। वजह ये है कि सरकार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी है। 2024 के चुनाव के बाद उन्हें केंद्र में कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया हैं। साथ ही में उन्हें अब आने वाले झारखंड विधानसभा का प्रभारी भी बनाया गया है।

जानिए नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव कौनसे राज्य में होंगे और कौन है उनके भाजपा प्रभारी ?

झारखंड के साथ महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के लिए भी भाजपा चुनाव प्रभारियों की घोषणा हो गई है।

  • झारखंड-शिवराज सिंह चौहान (प्रभारी), हिमंता विश्व सरमा (सह प्रभारी)
  • महाराष्ट्र-भूपेंद्र यादव प्रदेश(प्रभारी), अश्विनी वैष्णव (सह-प्रभारी)
  • हरियाणा-धर्मेंद्र प्रधान (प्रभारी),सांसद बिप्लव कुमार देब(सह-प्रभारी)
  • जम्मू एवं कश्मीर – किशन रेड्डी(प्रभारी)

भाजपा इस बार झारखंड में जितने के लिए बहुत मेहनत कर रही है। बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को सिर्फ 8 सीटों पर जीत मिली, जबकि वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में उसने 11-11 सीटों पर जीत दर्ज की थी। आदिवासी बहुल किसी भी सीट पर भाजपा को इस बार जीत नहीं मिली।

शिवराज सिंह ही क्यों ? जानिए उनके राजनीतिक पृष्ठभूमि को

शिवराज सिंह चौहान लगभग 17 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे है। उन्होंने बीजेपी को एमपी में बहुमत जीत दिलवाई है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर जीत दिलवाने में मध्य प्रदेश की 29 सीटों का बड़ा योगदान रहा है। शिवराज सिंह चौहान विदिशा की सीट से करीब आठ लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीते हैं।उनको भाजपा ने कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु सहित दक्षिण के राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी थी। दक्षिण हमेशा से भाजपा के लिए मुश्किल क्षेत्र रहा है। चौहान ने वहां लगातार दौरे भी किए और परिणाम भी सामने है। पहली बार भाजपा को दक्षिण में त्रिशूर में सफलता भी मिली। स्पष्ट है कि शिवराज एक कुशल संगठक भी है। वह खुद युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है।  और वे मध्यप्रदेश के लोकप्रिय नेता भी है। शांत व सौम्य छवि वाले शिवराज सिंह चौहान को बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को जोड़ने में माहिर माना जाता है। राजनीतिक परिपक्वता और राजनीतिक अनुभव, उन्होंने विभिन्न चुनावी परिस्थितियों में पार्टी को मार्गदर्शन दिया है। उनकी परिपक्वता और समझ पार्टी के लिए झारखंड में भी उपयोगी साबित हो सकती है। साथ ही, वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रहे हैं, इस नाते झारखंड में भी वह कमल खिलाने में पूरी कोशिश करेंगे।

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