द पब्लिकेट। टाटा संस के चेयरमैन और दिग्गज उद्धोगपती पद्मविभूषण रतन टाटा का 86 साल की उम्र मे निधन हो गया। वह मुंबई स्थित ब्रीच कैन्डी अस्पताल मे आयसीयू मे भर्ती थे जहा उन्होंने 9 अक्टूबर को रात करीब 11 बजे अंतिम साँसे ली। टाटा कए निधन की खबर मिलते ही अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या मे भीड़ जमा हो गई।

टाटा समूह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा की यापार दुख कए साथ हम अपने रत्न के शांतिपूर्ण निधन की घोषणा करते है। टाटा समूह के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन ने टाटा के निधन पर कहा -अत्यंत दुख कए साथ हम रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव मे एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे।

रतन टाटा का पार्थिव शरीर गुरुवार 10 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए नैशनल सेंटर फॉर पेरफॉर्मींग आर्ट्स, साउथ मुंबई के हॉल मे रखा जाएगा जिसके बाद राजकीय सम्मान कए साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को ब्रीच कैन्डी अस्पताल से उनके कोलाबा स्थित निवास पर रात 2 बजे ले जाया गया।

महाराष्ट्र मे एक दिन का राजकीय शोक घोषित

रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार, 10 अक्टूबर को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। यह घोषणा महाराष्ट्र कए मुख्यमंत्री ऑफिस से की गई है। आज राज्य मे किसी भी तरह का मनोरंजन या सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे और सभी सरकारी बिल्डिंग मे राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

बुक लवर थे रतन टाटा

रतन टाटा को बुक्स और सक्सेस स्टोरीज पड़ना बोहोत पसंद था। टाटा अक्सर पुस्तकों की शक्ति के बारे मे बात करते थे जिससे दिमाग को आकार और नेतृत्व को प्रभावित किया जा सके। टाटा द्वारा बताई गई चार कितबे जो आपको पड़नी चाहिए:-

1. THE ART OF RACING IN THE RAIN BY GARTH STEIN

2. I CAME UPON A LIGHTHOUSE BY SHANTANU NAIDU

3. GETTING INDIA BACK TO TRACK: AN ACTION AGENDA FOR REFORM BY BIBEK DEBROY, ASHLEY J. TELLIS, REECE TREVOR

4. THE TATAS: HOW A FAMILY BUILT A BUSINESS AND A NATION BY GIRISH KUBER

सामाजिक और परोपकारी काम

1.टाटा ट्रस्ट ने रतन टाटा की अध्यक्षता मे 2014 से शुरु होकर 5 सालों तक अल्जाइमर रोग के अध्ययन के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान के न्यूरोसाइंस केंद्र को 750 मिलियन रुपयों का अनुदान दिया था।

2.टाटा समूह ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एमआईटी टाटा सेंटर ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन की स्थापना की थी। इसका मकसद संसाधनों से वंचित समुदायों की समस्याओं का समाधान करना था।

3. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) ने कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी (CMU) को संज्ञानात्मक प्रणालियों और स्वायत्त वाहनों पर शोध के लिए 35 मिलियन डॉलर का दान दिया था। यह किसी कंपनी द्वारा दिया गया अब तक का सबसे बड़ा दान था।

4. टाटा समूह ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे को 950 मिलियन रुपये का अनुदान दिया था। यह संस्थान के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा दान था।

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