द पब्लिकेट, इंदौर। भाजपाई और कांग्रेसियों के विवाद ने तूल पकड़ लिया है। एक मामूली टैंकर हटाने की बात पर हुए विवाद में पुलिस ने जिस चिंटू चौकसे के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा है, वह उस समय एक भंडारे के कार्यक्रम में मौजूद थे। घटना का सीसीटीवी फुटेज कांग्रेसियों के सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा है। कांग्रेसी नेताओं ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, चिंटू के भतीजे रोहन के सिर में गहरी चोट आने पर भी पुलिस ने प्राणघातक हमले का प्रकरण नहीं दर्ज किया है।
हीरा नगर इलाके में शनिवार रात करीब 9:30 बजे कपिल पाठक के घर और बाहर खड़े टैंकर के कारण रोड बंद हो गई थी। उस दौरान ईशान चौकसे का निकलना हुआ। उसने टैंकर खड़ा देख उसे हटाने का कहा तो कपिल और ईशान का विवाद हो गया। विवाद के दौरान ईशान ने अपने साथियों को बुलाकर कपिल के साथ मारपीट कर घर के बाहर खड़ी गाड़ियां फोड़ दी थी। वारदात में कपिल को सिर में गहरी चोट आने पर पुलिस ने प्राणघातक हमले का मामला दर्ज कर लिया। वहीं, कांग्रेसियों का आरोप है कि विवाद के समय कपिल के पिता ने ईशान पर फावड़े से हमला किया, जिसके कारण उसकी भी हालत गंभीर है। सिर में 18 टांके आने के बाद भी पुलिस में सिर्फ मारपीट की धाराओं में केस दर्ज किया।
घटना के समय भंडारे में तो रिपोर्ट कैसे हुई ?
पुलिस ने कपिल की शिकायत पर चिंटू चौकसे, रोहन चौकसे, ईशान चौकसे, रवि प्रजापति, गौरव चौधरी, सुमित ठाकुर, राधेश्याम चौकसे, सुभाष यादव और अन्य के खिलाफ प्राणधातक हमले का मामला दर्ज कर चिंटू, सुभाष और रवि को तो जेल भेज दिया है, लेकिन इससे कांग्रेसियों ने आक्रोश है। चिंटू के जेल जाने के बाद कांग्रेसियों ने पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। यह इसलिए भी क्योंकि जब कपिल के साथ जिस समय मारपीट हुई उस समय 9:30 बजे थे। फुटेज के आधार पर चिंटू चौकसे उस समय अपने विजय नगर इलाके में ब्लॉक अध्यक्ष गब्बर पवार के भंडारे के कार्यक्रम में मौजूद थे। इसके बाद भी पुलिस में बिना जांच के आधार पर चिंटू चौकसे को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया।