इंदौर। शहर के श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान में छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का मामला गरमा गया है।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों सहित स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को संस्थान में जमकर हंगामा किया औरसंस्थान के डायरेक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए। छात्रों ने डायरेक्टर से कुर्सी छोड़ने की भी मांग की। वहीं, कॉलेज की ओर भीख़ामियों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डायरेक्टर से बात रखी।
गुरुवार के दिन SGSITS के हॉस्टल में फर्स्ट ईयर में इंजीनियरिंग की पड़ाई करने वाली छात्रा दीप्ति मंडलोई (19) ने फांसी लगाकरजान दे दी थी। जांच में सामने आया कि उसे 8 में से 5 सब्जेक्ट में एटीकेटी आई थी, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया था। अखिलभारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मामले को लेकर एसजीएसआईटीएस डायरेक्टर राकेश सक्सेना को ज्ञापन सौंपा।
अभाविप के महानगर मंत्री सार्थक जैन का कहना है कि छात्रा ने हॉस्टल के अंदर सुसाइड किया है। छात्रा मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ितथी, क्योंकि कॉलेज प्रशासन एग्जाम के कुछ दिन पहले तक सिलेबस अपडेट नहीं करता है। स्टूडेंट्स को रिवीजन का टाइम नहीं मिलताहै।
जब छात्रा बाहर से आ रही है, उसे इंग्लिश में दिक्कत हो सकती है। पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए कुछ कोर्स चला सकते है लेकिनकॉलेज प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है कि स्टूडेंट्स पर्सनैलिटी डेवलपमेंट करें। स्टूडेंट्स के विकास के लिए कोई कोर्स चलाएया एक्स्ट्रा क्लास लगवाए।
बहुत सारे स्टूडेंट्स का ये आरोप है कि हमें सब्जेक्ट में फेल कर दिया है और जब हम 300 रुपए देकर रिवेल का फॉर्म डालते हैं तोउसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेंट्स पास हो जाते हैं। इस तरह यहां व्यवसाय चलाया जा रहा है।
हमारी मांग है कि छात्रा ने सुसाइड क्यों किया है, इसकी जांच होनी चाहिए है और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। डायरेक्टर को कुर्सीछोड़ना चाहिए और यहां योग्य डायरेक्टर नियुक्त होना चाहिए।
वहीं मामले को लेकर डायरेक्टर राकेश सक्सेना का कहना है कि सभी डिपार्टमेंट हेड की बैठक ली है। सुसाइड करने वाली बच्ची केसंस्थान में जो मेंटर है, उन्हें भी बुलाया था। तहकीकात कर रहे है कि ऐसा क्यों हुआ, क्योंकि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।
मामले को लेकर संस्थान की एक जांच कमेटी बना दी है। पुलिस की फोरेंसिक टीम अंदर के सभी डॉक्यूमेंट ले गई है। पुलिस का कहनाहै कि वो भी लिख कर देंगे कि उन्होंने मौके पर क्या पाया। उसके बाद हमारी जांच कमेटी भी हमें रिपोर्ट दे देगी।
छात्रा ने अपने सब्जेक्ट्स रुकने की जानकारी अपने पेरेंट्स को दे दी थी। उसका रिजल्ट 15 दिन पहले आ चुका था। साथ में जो अन्य छात्राएं रहती है वो भी नहीं समझ पा रही है। उसकी मम्मी को भी मालूम था, उन्होंने भी कहा था कि चिंता मत करना। सब कुछ नॉर्मल था।