द पब्लिकेट, दिल्ली। दिल्ली की राजनीति में इन दिनों एक नया और तीव्र विवाद उभर कर सामने आया है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं को गलत मामलों में फंसाकर राजनीतिक रूप से दबाने की कोशिश कर रही है। इस आरोप के तहत आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं को ‘राजनीतिक बंदी’ बताया है, खासकर जब से केजरीवाल के पूर्व सहयोगी बिभव कुमार को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया।

आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की ये सारी कार्रवाइयां एक सुनियोजित योजना का हिस्सा हैं, जिसे “ऑपरेशन झाड़ू” नाम दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं को कानूनी उलझनों में फंसाकर राजनीतिक रूप से निष्क्रिय करना है। आम आदमी पार्टी का यह भी दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने नियंत्रण में केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया है, ताकि आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा सकें।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी उनकी सरकार के द्वारा किए गए लोकहितकारी कार्यों से भयभीत है। केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए सुधारों ने जनता का समर्थन प्राप्त किया है, जिससे भारतीय जनता पार्टी चिंतित है। आम आदमी पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जनता पार्टी उनके विकास कार्यों की आलोचना करने के बजाय, झूठे आरोप लगाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है।

वहीं, भाजपा ने आम आदमी पार्टी के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की जनता के धन का दुरुपयोग किया है। भाजपा ने विशेष रूप से मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत पर खर्च किए गए 45 करोड़ रुपये को लेकर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि यह खर्च अत्यधिक और अनावश्यक था, और इसे जनता के धन का गलत उपयोग माना जाना चाहिए। भाजपा ने इस मुद्दे पर केजरीवाल से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी अपनी असफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह की राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने के लिए नाटक और चालबाजियों का सहारा ले रही है। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों का सामना किया है, और यह नया मामला भी उसी कड़ी का हिस्सा है।

इस विवाद ने दिल्ली की राजनीति में एक बड़े संकट की स्थिति उत्पन्न कर दी है। दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं और बयानबाजी का स्तर बढ़ गया है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ जानबूझकर अभियान चलाने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस विवाद ने दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को जटिल बना दिया है और इसका असर प्रशासनिक कार्यों पर भी पड़ सकता है।

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