द पब्लिकेट ,दिल्ली। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तेलंगाना की टीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत को आज अदालत ने 31 जुलाई 2024 तक बढ़ा दिया। यह आदेश इस हाई-प्रोफाइल एक्साइज नीति मामले की जांच की जटिलताओं को एक बार फिर से उजागर करता है।
दिल्ली एक्साइज नीति मामले में महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब अदालत ने मनीष सिसोदिया और के. कविता की न्यायिक हिरासत को 31 जुलाई तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि मामले की जांच जारी रहेगी और आरोपियों की कानूनी स्थिति पर गहराई से ध्यान दिया जा रहा है।
मनीष सिसोदिया, जो दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर थे, और के. कविता, जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी हैं, पर आरोप है कि उन्होंने एक्साइज नीति के कार्यान्वयन में अनियमितताओं में संलिप्तता दिखाई। दोनों नेताओं को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है, और आज के फैसले ने उनकी हिरासत की अवधि को बढ़ा दिया है।
इस मामले में सिसोदिया और कविता ने अपनी निर्दोषता का दावा किया है और वे लगातार अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि आरोप राजनीतिक द्वेष और गलतफहमी के आधार पर लगाए गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने उनकी हिरासत को बढ़ाने का आदेश दिया है, ताकि जांच पूरी हो सके और अदालत के समक्ष सही तथ्यों को पेश किया जा सके।
इस फैसले के बाद, सिसोदिया और कविता की कानूनी टीम ने अदालत के आदेश को चुनौती देने की योजना बनाई है और मामले की जल्दी से जल्दी सुनवाई की मांग की है। इस बीच, मामला मीडिया में प्रमुख सुर्खियों में बना हुआ है और राजनीतिक और कानूनी हलातो में इस पर गहरी नजर रखी जा रही है।
यह घटना दिल्ली और तेलंगाना के राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है और भविष्य में राजनीतिक और कानूनी परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है। मामले की अगली सुनवाई के लिए सभी की नजरें अब 31 जुलाई पर टिकी हैं।