द पब्लिकेट। भारत में सोने और चांदी की कीमतों में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा के बाद संभवत: उकसाया गया है। इस नीति के तहत, भारतीय बाजार में इन बहुमूल्य धातुओं की लागत में कमी आई है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और सस्ती दरों पर खनिज प्राप्त करने में मदद मिली है।
सोने की कीमतों में गिरावट
हाल ही में 22 कैरेट सोने की कीमतों में 2,750 रुपये की बड़ी कमी आई है, जिससे 10 ग्राम सोने की लागत 64,950 रुपये हो गई है। यह गिरावट 23 जुलाई को तेजी से देखी गई, जब बाजार में सोने की कीमतें अचानक नीचे गिरीं।
24 कैरेट सोने की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर रही हैं। वर्तमान में 10 ग्राम सोने की कीमत 70,860 रुपये और 100 ग्राम सोने की कीमत 7,08,600 रुपये पर बनी हुई है।
18 कैरेट सोने की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 10 ग्राम सोने की कीमत 53,140 रुपये और 100 ग्राम की कीमत 5,31,400 रुपये पर स्थिर है।
चांदी की कीमतों में गिरावट
चांदी की कीमतों में भी गिरावट आई है। 1 किलोग्राम चांदी की कीमत 500 रुपये घटकर 87,500 रुपये हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार पर प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें भी बढ़ रही हैं, विशेषकर अमेरिकी बाजारों में। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित दर कटौती और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के इंतजार में निवेशकों के बीच सतर्कता बढ़ गई है। इस समय सोने की कीमतें 2,416.62 डॉलर प्रति औंस तक बढ़ चुकी हैं, और इस तेजी की प्रवृत्ति जारी रह सकती है।
आर्थिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण
कस्टम ड्यूटी में कटौती और सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर हो सकता है। इस कदम का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और निर्यात को प्रोत्साहित करना है। इसके अतिरिक्त, 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, जिससे इन धातुओं की घरेलू उपलब्धता बढ़ेगी और उत्पादन लागत में कमी आएगी।
निवेशकों के लिए संकेत
सोने और चांदी की कीमतों में हालिया गिरावट निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से निवेश करने की योजना बना रहे थे। हालांकि, बाजार की वर्तमान स्थिति और वैश्विक आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए निवेश में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
भविष्य की संभावना
आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतें स्थिर रह सकती हैं या और भी गिरावट देखी जा सकती है। वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम और फेडरल रिजर्व की नीतियों पर नजर बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इनका सोने और चांदी की कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा।