- ग्राहकों को चार महीने से जबरदस्ती बेचे जा रहे मूवी टिकट के साथ फूड कूपन
द पब्लिकेट से तनुश्री गुप्ता, इंदौर। क्या हो अगर आप मूवी देखने के लिए टिकट लेने जाए और वहां आपको जबरदस्ती फूड कूपन भी खरीदना पड़ जाए। जी हां!, इंदौर के सपना संगीता स्थित आइनॉक्स सिनेमा ( INOX) में ऐसा पिछले 4 महीनों से हो रहा है। जिसका खुलासा द पब्लिकेट ने एक स्टिंग ऑपरेशन में किया। आइनॉक्स सिनेमा के बॉक्स ऑफिस में बैठी कर्मचारी का वीडियो टीम ने बनाया है, जिसमें वह साफ बोल रही है की फूड कूपन लेना जरूरी है इसके बिना फिल्म टिकट नहीं मिलेगी।
सपना संगीता स्थित आइनॉक्स सिनेमा ( INOX ) में करीब 4 महीने से मूवी टिकट्स के साथ फ़ूड कूपन भी जबरदस्ती दिए जा रहे है। और अलग से उसके लिए रुपये भी लिए जा रहे है, जो की बिल्कुल गलत है। द पब्लिकेट ने मामले की जांच की तो पता चला की आइनोक्स सिनेमा में यह काम पिछले 4 महीने से हो रहा है और इसमें करीब सारे ही कर्मचारी मिले हुए है। द पब्लिकेट ने स्टिंग के दौरान जब बॉक्स ऑफिस की कर्मचारी से मूवी टिकट मांगे तो उसने साथ में फ़ूड कूपन भी लेने की बात कही। टीम ने जब पूछा की क्या यह लेना जरूरी है, तो जवाब आया कि मूवी टिकट लेने के लिए फुड कूपन साथ में लेना पड़ेगा, जिसमें मूवी टिकट और फूड कूपन के रुपए अलग अलग देना होगा। इसपर टीम ने कहा कि हमे सिर्फ मूवी टिकट चाहिए तो जवाब आया कि हम ये सबको दे रहे है और एक कूपन तो लेना ही पड़ेगा । इसपर टीम ने कहा की ऐसा कहीं और नहीं होता तो जवाब ये मिला की हमारे यहां के टिकट रेट कम है इसलिए फूड कूपन साथ में खरीदना पड़ेगा, जबकि टिकट प्राइस 200 से 250 रुपए थी। यह रेट इंदौर के हर INOX में देखने को मिलते है।
ग्राहक को जबरदस्ती 100-200 रुपए के फूड कूपन बेचे जा रहे है। यानी की 200 रुपए का मूवी टिकट ग्राहक को 400 रुपए का पड़ रहा है, जो केवल गलत ही नही बल्कि अवैध भी है।
मामले की जानकारी टीम ने INOX को मेल के माध्यम से भी दी लेकिन एक रिवर्ट (जवाब ) आने के बाद कोई कदम नहीं लिया गया। वहीं, जब इस बारे में INOX के मैनेजर दीपक चंद्रदास से बात की तो उनका कहना था की उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। और वह इस बारे में पता करेंगे। लेकिन, अगर देखा जाए तो ऐसा मुमकिन नहीं है की किसी थिएटर में कोई अवैध काम संचालित हो रहा हो और उसकी जानकारी मैनेजर को नहीं हो।
गुप्त ऑपरेशन के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि INOX के कर्मचारी इस अवैध गतिविधि में पूरी तरह से शामिल थे और ग्राहकों के सवालों का सीधा जवाब देने से कतराते थे। ग्राहक अधिकारों की दृष्टि से यह गंभीर मामला है और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।