द पब्लिकेट, इंदौर। वार्ड 65 के पार्षद कमलेश कालरा फर्जी प्रमाण पत्र के बलबूते चुनाव लड़ने के मामले में खुद तो डूब ही गए लेकिन वह पांच अधिकारियों को लेकर डूबे है। कोर्ट ने कालरा और पांच अधिकारियों के खिलाफ पांच हजार का जमानती वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई है। 

फरवरी 2024 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुनील यादव की और से याचिका दायर हुई थी। इसमें हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट मनीष यादव और करण बैरागी ने तर्क दिया कि कोर्ट के आदेश के 6 महीने बाद भी पार्षद कालरा के जाति प्रमाण पत्र की जांच में जानबूझकर देरी की जा रही है।

पिछली सुनवाई में नोटिस जारी करने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ, जिसे कोर्ट ने अवमानना बताया। नयायमूर्ति प्रणय वर्मा की कोर्ट ने पिछड़ा और अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव अजीत कसेरी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक विभाग आयुक्त सौरभ कुमार सुमन, सचिव डॉक्टर निलेश देसाई, एसडीएम जूनी इंदौर घनश्याम धनगर, पिछड़ा वर्ग की संचालक सफलता दुबे और पार्षद कमलेश कालरा को न्यायालय की अवमानना करने पर 5 हजार के जमानती वारंट जारी किया है। इसकी अगली सुनवाई तीन मार्च मो होगी। 

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