- देपालपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के अलावा थाना प्रभारी और एसआई भी कर रहे थे प्रताड़ित
- पुलिस ने आरोपियों को चिन्हित कर 10 दिन बाद दर्ज किया केस
द पब्लिकेट, इंदौर। बेटमा में तीन बीघा जमीन के विवाद में राजेश चौहान की संदिग्ध मौत का खुलासा 10 दिन बाद हुआ है। मृतक राजेश चौहान ने आरोपियों की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाया था। उसने मरने से पहले वीडियो भी बनाया था जिसमें उसने अपने केस पार्टनर सहित बेटमा थाना प्रभारी संजय सिंह और एसआई संदीप पोरवाल के भी नाम है। द पब्लिकेट की टीम को वीडियो उपलब्ध हुआ है। फिलहाल पुलिस ने देपालपुर नगर परिषद के अध्यक्ष महेशपुरी, उदयपुरी, अशोक चौहान, छीतर पटेल, मुकेश पटेल, शुभम पटेल, ममता बाई और सुनीता बाई पर हत्या के लिए उकसाने की धारा में प्रकरण दर्ज किया है।
बेटमा क्षेत्र स्थित खानपुर में तीन तीन बीघा को लेकर राजेश चौहान ने न्यू वेलकम ढाबे पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। उसे जमीन के सिलसिले में महेशपूरी ने मिलने बुलाया था। जहां पर प्रताड़ना से तंग होकर राजेश से जहर पी लिया था। हादसे के बाद परिजनों ने हत्या के लिए उकसाने वाले आरोपियों के नाम पुलिस को बताए थे लेकिन बेटमा थाना प्रभारी संजय सिंह और एसआई संदीप पोरवाल की भाजपा से जुड़े देपालपुर नगर परिषद के अध्यक्ष महेशपुरी से तगड़ी सांठ-गांठ होने से कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। परिजन 10 दिन से न्याय की गुहार लगाने के लिए अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे थे। पुलिस ने साक्ष्य होने के बावजूद समय पर केस दर्ज नहीं किया।
जांच के घेरे में थाना प्रभारी और एसआई
मृतक राजेश ने मरने से पहले वीडियो बनाया था जिसमें उसने प्रताड़ित करने वालों के नाम लिए थे जिसमें महेशपूरी, उदय पूरी के अलावा बेटमा थाना प्रभारी संजय सिंह और एसआई संदीप पोरवाल का भी नाम है। वीडियो में मृतक राजेश कह रहा है कि एसआई संदीप पोरवाल उसे रासुका लगवाने और जिल बदर की धमकी देता था। राजेश को जमीन पर खेती करने के दौरान छीतर पटेल परेशान करता था जिसकी शिकायत जब राजेश करने जाता तो थाना प्रभारी और एसआई उसकी शिकायत नहीं लेते थे। इस मामले में जब एसआई संदीप पोरवाल से बात की लेकिन उन्होंने बात टाल कर फोन काट दिया। वहीं, थाना प्रभारी संजय सिंह को कई फोन लगाए लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया।
हत्या के प्रयास मामले में भी नहीं गया था जेल
मृतक राजेश की आत्महत्या के मामले में जिस महेशपुरी का नाम सामने आया है वह पहले राजेश का केस पार्टनर था। उसका और राजेश का आठ महीने पहले जमीन के मामले में छीतर पटेल से विवाद हुआ था। उस मामले में राजेश को जेल हुई थी लेकिन देपालपुर नगर परिषद का अध्यक्ष महेशपुरी सांठ-गांठ कर फरारी काट रहा था।
जेल से बाहर आते ही शुरू कर दिया था प्रताड़ित करना
परिजनों ने बताया मृतक राजेश चौहान आठ महीने पहले हुए केस से कारण जेल में बंद था। एक महीने पहले ही राजेश बाहर आया था। तब से ही महेशपुरी, उदयपुरी, अशोक पहलवान और उसके साथी राजेश से छीतर पटेल को जमीन बेच देने के लिए दबाव बना रहे थे। उनका कहना था कि छितर को जमीन बेच दो लेकिन उचित रुपए न मिलने पर राजेश जमीन नहीं बेच रहा था। जेल में मुलाकात के समय भी महेशपुरी और उदयपुरी राजेश को कम दाम में जमीन बेच देने के लिए दबाव बनाते थे।
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