द पब्लिकेट, क्रिकेट। इंदौर के रजत पाटीदार की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसका इंतज़ार टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली को 18 साल से था। मंगलवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए आईपीएल 2025 के फाइनल मुकाबले में आरसीबी ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया।

आरसीबी की टीम इससे पहले तीन बार (2009, 2011 और 2016) फाइनल में पहुंचकर हार का सामना कर चुकी थी। लेकिन इस बार कप्तान रजत पाटीदार के नेतृत्व में टीम ने इतिहास रचते हुए दमदार जीत दर्ज की।
मैच में पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया। आरसीबी ने निर्धारित 20 ओवरों में 9 विकेट गंवाकर 190 रन बनाए। जवाब में पंजाब किंग्स की टीम 7 विकेट खोकर 20 ओवर में सिर्फ़ 184 रन ही बना सकी। अंतिम गेंद पर जीत के लिए 13 रन की दरकार थी, जो कि असंभव साबित हुआ।
मैच के बाद विराट कोहली की आंखें नम थीं। 2008 से टीम के साथ जुड़े विराट ने इस पल का सालों तक इंतज़ार किया था। ट्रॉफी उठाते वक्त उनका भावुक होना हर क्रिकेट प्रेमी को छू गया।

2009 – पहला झटका, कुंबले की वीरता पर भारी पड़ा गिब्स का बल्ला
दूसरे सीज़न में ही फाइनल तक पहुंची RCB को अनिल कुंबले की कप्तानी में पहला बड़ा मौका मिला था। जोहानिसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ मुकाबला था। कुंबले ने 4 विकेट झटके, लेकिन 144 रन के लक्ष्य के सामने RCB 137 रन ही बना सकी – सिर्फ 6 रन से हार। कुंबले को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ मिला, लेकिन ट्रॉफी नहीं।
2011 – चेन्नई की दीवार के सामने टिक नहीं पाए RCB
तीन साल बाद RCB एक बार फिर फाइनल में लौटी, इस बार चेन्नई सुपर किंग्स से भिड़ंत थी। मुरली विजय और माइक हसी ने ऐसी नींव रखी कि CSK ने 205 का पहाड़ खड़ा कर दिया। जवाब में विराट कोहली की अगुआई में टीम सिर्फ 147 रन बना सकी। हार – 58 रन से।
2016 – विराट का सुनहरा साल, लेकिन फाइनल में फिर दर्द
विराट कोहली उस सीज़न में आग उगल रहे थे – 4 शतक, ज़बरदस्त कप्तानी। बेंगलुरु में खेले गए फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद ने 208 रन बनाए। गेल ने 76, विराट ने 54 रन जोड़े लेकिन अंत में स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 200 रन। हार – 8 रन से। एक और सपना टूटा।
