द पब्लिकेट, ओंकारेश्वर। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर मंदिर की प्राचीन परंपराएं इन दिनों चकाचौंध में धूमिल होती नजर आ रही हैं। मंदिर की भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती, जो सदियों से गोपनीय मानी जाती रही है और केवल पुजारियों के बीच संपन्न होती थी, अब उसे बाहरी लोग आकर पुजारियों से सेटिंग कर खुलेआम कर रहे है। वहीं, सोशल मीडिया पर डाल रहे है। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों के विरोध है। संत समाज भी इस कृत्य की घोट निंदा कर कार्रवाई को मांग कर रहा है, लेकों जिम्मेदार इस मामले में चुप्पी साधे बैठे है।
आपको बता दें, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सदियों से चल रही परंपराओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। सोशल मीडिया पर दीपक सेन नाम के व्यक्ति ने मंदिर के नाम से अकाउंट बनाकर आरती की थाल पकड़ते हुए, पिजारी के पास खड़े हुए और प्रसाद वितरण करते हुए वीडियो अपलोड किए है। वीडियो वायरल होने केआर बाद जनता में आक्रोश है। उनका कहना है कि मंदिर के नियम शुरू से एक जैसे थे। मंदिर में विराजे शिवलिंग की आरती गुप्त रखी जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह वीडियो एक बाहरी व्यक्ति द्वारा बिना ट्रस्ट या प्रशासन की अनुमति के बनाया गया, जिसमें आरती के दौरान चरणामृत वितरण जैसे कार्य भी उसी के द्वारा किए जाते दिख रहे हैं। इससे न केवल धार्मिक मर्यादाएं तार-तार हुई हैं, बल्कि यह मंदिर की गरिमा और नियमों का खुला उल्लंघन भी है।

आरती के समय सीसीटीवी भी बंद
आरती के दौरान सीसीटीवी कैमरे भी गोपनीयता बनाए रखने के लिए बंद रहते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की रिकॉर्डिंग न हो सके। इसके बावजूद पुजारी के संरक्षण में बाहरी व्यक्ति की इस तरह की भागीदारी गंभीर सवाल खड़े करती है।

ओंकारेश्वर मंदिर की तीनों प्रहर की आरतियाँ – भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती – विशेष परंपराओं से जुड़ी हुई हैं और सदैव गुप्त रूप से संपन्न होती हैं। इनका प्रचार या सोशल मीडिया पर प्रसारण आस्था के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है। ट्रस्ट और प्रशासन से भक्तों ने मांग की है कि इस मामले की तत्काल जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।


