द पब्लिकेट, इंदौर। सुखलिया स्थित साईनाथ पैलेस कॉलोनी जमीन मामले में पुलिस, एसडीएम, आईडीए अधिकारी और कलेक्टर तक सभी चुप्पी साधे हुए है। साफ नजर आ रहा है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण भूमाफिया जयसिंह ठाकुर, उमाशंकर तरेटिया, जाहिद अली जैसों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इन्होंने भोले-भले परिवारों से लाखों रुपए खाकर डकार मार ली। सरकारी जमीन पर ही कुंडली मार ली लेकिन सब मौन है। भूमाफियों की टोली में भी एक जादूगर उमाशंकर तरेटिया निकला जिसने जयसिंह के कंधे पर रखकर बन्दूक चला दी और खुद निर्दोष होने का नाटक करता रहा, लेकिन कागजों में इसका नाम भी शामिल है। 

कब्जाधारियों ने दो साल पहले से जमीन पर कब्जा कर प्लॉट बेचने के साथ ही अपना घर भरना भी शुरू कर दिए थे। सालभर पहले फरियादी साईनाथ पैलेस कॉलोनी गया तो देखा की मकान बनना शुरू हो गए है। जिसपर उसने आरोपी कमल चौधरी और जाहिद अली से बात की। उन्होंने भूमाफिया जयसिंह ठाकुर, उमाशंकर तरेटिया से संपर्क करवाकर प्लॉट दिलवा दिया। भूमाफियों का कहना था कि जाहिद अली का इस जमीन पर कोई लेना देना नहीं है। प्लॉट चाहिए तो चार की जगह दो हज़ार वर्गफीट देने पड़ेंगे। फरियादी से रुपए लेने के बाद भी आरोपियों ने कब्जा नहीं दिया। थोड़े समय बाद जब पता चला कि जिस जमीन के रुपए दिए वह तो सरकारी जमीन है तक तक आरोपियों से संपर्क बंद हो गया। तब उसने 8 जनवरी 2024 को हीरा नगर पुलिस और कमिश्नर को धोखाधड़ी की शिकायत थी। इसमें सालभर बाद आरोपी जयसिंह ठाकुर, उमाशंकर तरेटिया, जाहिद अली और दीपिका ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज हो गया था। मामले को महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस खाली हाथ है। वहीं, कलेक्टर की तरफ से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि जमीन सरकारी थी। उसी जमीन के बीच से मास्टर प्लान की सड़क बनने वाली थी। 

200 करोड़ की अवैध जमीन इसलिए कहना गलत नहीं होगा क्योंकि खुद आईडीए ही इस जमीन को छुड़ाने में असफल साबित हुई। आईडीए के उस अधिकारी पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई जिसने उमाशंकर तरेटिया, जयसिंह ठाकुर, जयसिंह ठाकुर और कमल चौधरी को शह देकर मामला दबाया। मामले में एक साल तक शिकायतें होती रही। कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक को ज्ञापन दिया। मामले में हीरा नगर थाने में केस दर्ज होने के बाद भी फाइल ठंडे बस्ते में है। सूत्रों से पता चला कि मंदिर में पुताई करवाने के बाद ऐसी दया दृष्टि पड़ी कि परिवारों को परेशान करने के बाद भी कार्रवाई ही नहीं हो रही।

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