- एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री बने डॉ. वीरेंद्र, शाही फिर बने अध्यक्ष
द पब्लिकेट, इंदौर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय महामंत्री के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया आज मुंबई स्थित अभाविप के केन्द्रीय कार्यालय से सम्पन्न हुई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर प्रो. (डॉ.) राजशरण शाही (उत्तर प्रदेश) पुनः निर्वाचित तथा राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर डॉ वीरेन्द्र सिंह सोलंकी (मध्य प्रदेश) नवनिर्वाचित हुए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय महामंत्री के निर्वाचन प्रक्रिया के चुनाव अधिकारी अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो. (डॉ.) प्रशांत साठे ने निर्वाचन परिणामों को घोषित करते हुए बताया है कि दोनों पदाधिकारी, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 22, 23 तथा 24 नवंबर को आयोजित होने जा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अपना कार्यभार संभालेंगे।
डॉ वीरेंद्र सिंह सोलंकी मूलतः मध्य प्रदेश के इंदौर के समीप देवास जिला अंतर्गत उदयनगर से हैं। शिक्षा श्री अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (SAIMS), इंदौर से MBBS तक हुई है। शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, इंदौर में एलोपैथी चिकित्सक के रूप में अल्पकालिक सेवा में कार्य कर रहे हैं। वर्तमान सत्र में NEET-PG के अभ्यर्थी भी हैं। वर्ष 2014 से परिषद के संपर्क में हैं। अभाविप के एलोपैथी विद्यार्थी कार्य मेडीविज़न के माध्यम से आयुर्विज्ञान एवं दंत चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों में राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान कर विभिन्न मुद्दों के सफल नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में परीक्षाओं में अव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार के विषय में कुलपति के निलंबन की मांग पर सफल आंदोलन का भी नेतृत्व किया। मध्य प्रदेश में निजी आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में व्यापारीकरण की मानसिकता से बढ़ाये गये प्रवेश शुल्क की वापसी एवं वर्ष 2018 में एक अन्य बंद हुए निजी मेडिकल महाविद्यालय के विद्यार्थियों के भविष्य के लिए हुए आंदोलन का यशस्वी नेतृत्व किया है। समाज के वंचित वर्ग हेतु कम शुल्क पर चिकित्सीय परामर्श एवं औषधि वितरण की सेवा आप परिवार द्वारा चलाये जा रहे औषधालय से करते हैं। पूर्व में महाविद्यालय अध्यक्ष, इंदौर महानगर मंत्री, प्रांत मेडिविजन प्रमुख, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य, मेडिविजन राष्ट्रीय संयोजक, राष्ट्रीय मंत्री आदि दायित्वों का निर्वहन किया है। वर्तमान में अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री हैं। आगामी सत्र 2024-25 हेतु राष्ट्रीय महामंत्री के दायित्व पर निर्वाचित हुए हैं।
प्रो. (डॉ.) राजशरण शाही मूलतः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हैं। शिक्षा शिक्षाशास्त्र विषय में पीएचडी तक हुई है। वर्तमान में बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में शिक्षाशास्त्र विभाग में आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, साथ ही शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत हैं। शाही ने अभी तक छः पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है। अभी तक 112 से अधिक शोधपत्र एवं लेख राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं एवं संगोष्ठियों में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। साथ ही शिक्षा से जुड़े विषयों पर दैनिक पत्रों में आपके लेख प्रकाशित हुए हैं। प्रतिष्ठित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में असोसिएट रहे हैं। 2017 में श्रेष्ठतम शिक्षक का योगीराज बाबा गंभीर नाथ स्वर्ण पदक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया। उत्तर प्रदेश की विभिन्न शैक्षिक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन संबन्धी महत्वपूर्ण समितियों के आप सदस्य भी हैं। शिक्षा व सामाजिक विषयों के गहन चिंतक व उत्तर प्रदेश में संगठन कार्य को आगे बढ़ाने में आपकी महती भूमिका रही है। 1989 में विद्यार्थी जीवन से अभाविप के संपर्क में हैं। शिक्षक कार्यकर्ता के रूप में आप अब तक गोरखपुर महानगर अध्यक्ष से लेकर गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदि दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। वर्तमान में आप अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आगामी सत्र 2024-25 हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व पर पुनर्निवाचित हुए हैं।