द पब्लिकेट। एक जुलाई से नए कानून होने जा रहे है और उनमें किए जाने वाले बदलाव से रिपोर्ट दर्ज़ होगी। और मुख्य अपराधों की धाराओं में बदलाव किया जायेगा।जिन आईपीसी की धाराओं में बदलाव होने जा रहा है वे कोर्ट,पुलिस, वकीलों में आम है।

•इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस)

•क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (सीआरपीसी) के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

•भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट के स्थान भारतीय साक्ष्य अधिनियम होगा लागू।

इन मुख्य बिंदु पर रखें नजर :

1.पुलिस द्वारा की जाने वाली जांच प्रक्रिया और कोर्ट ट्रायल में संशोधन।

2.हत्या के लिए आईपीसी की धारा 302 अब भारतीय न्याय संहिता 103।

3.दुष्कर्म में 376 अब 64 भारतीय न्याय संहिता लगाई जाएगी।

4.30 जून से पहले वाले मुकदमों की जांच पुराने कानून के अनुसार होगी,30 जून के 12 बजे बाद सारे मुकदमें नए कानून के मुताबिक़ दर्ज़ होंगे।

5.कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इन नए कानूनों को विशेषज्ञों के सलाह से बनाया है, इसकी ख़ास बात ये है कि इनकी टाइमलाइन तय है, जिससे पीड़ित को न्याय जल्दी मिलेगा।

इसके लिए अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गए है।साथ ही, इन नए कानूनों की जानकारी और क्रियान्विति के लिए ट्रेनिंग दे रहे है। बीकानेर रेंज के 4 जिले श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़, अनूपगढ़ और बीकानेर में 90 प्रतिशत अफसरों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

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