द पब्लिकेट, नई दिल्ली। लोकसभा मे आज केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा विपक्ष के भारी हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड संशोधन कानून पेश किया गया। रिजिजू कए विधेयक पेश करने के बाद विपक्ष के ने अल्पसंख्यकों के हक छीनने का आरोप लगाकर लोकसभा में खूब हंगामा किया।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून का विरोध करते हुए कहा की केंद्र सरकार यह कानून लाकर देश को बांटने का काम कर रहे है। सपा के सांसद अखिलेश यादव को सोची समझी राजनीति कहा है। इमरान मसूद ने कानून का विरोध करते हुए कहा की सरकार वक्फ की ताकत को खत्म करके डीएम राज लाना चाहता है। विपक्ष के द्वारा हक छीनने की बात पर रिजिजू ने जवाब दिया की किसी का कोी हक नहीं चीन जा रहा है बल्कि मुस्लिम महिलाओ को जगह दि जा रही है
रिजिजू ने इस बिल को संसद की संयुक्त समिति मे भी भेजना का प्रस्ताव रखा। विपक्षों के सवालों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा की धार्मिक स्वतंत्रता मे किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नही किया जा रहा और न ही किसी सांविधानिक अनुच्छेद का उल्लंघन किया जा रहा है।
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पास होने के बाद किसी भी संपत्ति को अपना नही बता सकेगा साथ ही इस बिल के आने के बाद वक्फ बोर्ड की मनमानी पर रोक लगाई जा सकेगी।
क्या है नया वक्फ संशोधन कानून
वक्फ प्रॉपर्टी की जमीन पर दावा करने वाला सिर्फ ट्रीब्यूनल मे ही अपील कर सकता है, लेकिन संशोधन होने के बाद वह ट्रीब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिवल कोर्ट और हाई कोर्ट मे भी दावे की अपील कर सकता है।
संशोधन बिल पास होने के बाद वक्फ ट्रीब्यूनल कए फैसले को हाई कोर्ट मे चुनोती भी दी जा सकेंगे और यदि किसी जमीन पर मस्जिद बनी हो या फिर उसका उपयोग इस्लामिक कामों के लिए कीया जा रही हो लेकिन वह किसी ने वक्फ को दान नहीं दिया है तो वह संपत्ति वक्फ की नहीं मानी जाएगी। नए कानून मे 2 महिलाओ और 2 सदस्य अन्य धर्म के भी होंगे।
