- द पब्लिकेट की खबर का हुआ असर
- यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर सुधीर प्रधान एक महीने से है गैरहज़ीर
- स्टूडेंट्स से हजारों रुपए लेकर नहीं पढ़ाया सब्जेक्ट
द पब्लिकेट, इंदौर। प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ हो रही धांधली के खिलाफ द पब्लिकेट ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसपर सोमवार के दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी में जाकर जोरदार प्रदर्शन कर स्टूडेंट्स की मांग रखने पहुंचे। यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को देख डिप्टी रजिस्टार अर्चना प्रधान और मैनेजमेंट कमिटी की हर्षिका गब्बड़ क्लासरूम में भाग निकली। थोड़ी देर बाद बड़ी मुश्किल से डिप्टी रजिस्टार अर्चना प्रधान कार्यकर्ताओं के बीच आई और ज्ञापन लिया। प्रधान ने कार्यकर्ताओं से सील साइन करवाने के बहाने ज्ञापन लिया और वह भाग निकली। करीब तीन घंटे तक छात्र और सांवेर पुलिस बाहर बैठी रही यूनिवर्सिटी से कोई संतुष्ट जवाब नहीं आया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कार्यकर्ताओं ने कल प्रेस्टीज यूनिंवर्सिटी में जाकर स्टूडेंट्स के साथ हो रही धांधली के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इसपर यूनिवर्सिटी में बैठी फैकल्टीज में खलबली बच गई। उन्होंने एबीवीपी को देख भागने का रास्ता चुना लेकिन गेट से बाहर निकालने में वह असफल रहे। कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी घेर कर स्टूडेंट्स की मांगे पूरी करने की जिद पकड़ी थी, लेकिन उनको पहले एक घंटे में कोई जवाब नहीं मिला।
एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रतीक ने बताया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान डिप्टी रजिस्टार अर्चना प्रधान और मैनेजमेंट कमिटी की हर्षिका गब्बड़ क्लास रूम में भाग निकली। उन्होंने स्टूडेंट्स को भी क्लासरूम से बाहर न जाने की हिदायत दी थी, ताकि कोई भी स्टूडेंट अपनी शिकायत हमें न बता पाए। उन्होंने हमे हटाने के लिए सांवेर थाने से पुलिस बुलवा ली थी। लेकिन हम ज्ञापन देने के लिए डटे रहे। करीब एक घंटे बाद अर्चना प्रधान आई जिन्होंने हमारा सिर्फ ज्ञापन लिया। उसपर सील साइन करने के बहाने ज्ञापन लिया और वह वापस क्लासरूम लौट गई। कोई संतुष्ट जवाब यूनिवर्सिटी से नहीं आया। करीब तीन घंटे तक एबीवीपी के कार्यकर्ता और सांवेर थाने के पुलिसकर्मी यूनिवर्सिटी में जवाब के इंतेजार में बैठे रहे। इसके बाद हमें जब ऑफिस में बुलाया गया और हमने अपनी मांगे रखी तो अर्चना प्रधान ने मांगे सुनकर मुंह के सामने ऑफिस का दरवाजा लगा दिया। कॉलेज के प्रबंधक डेविस जैन से हमारी चर्चा हुई जिन्होंने तीन दिन हमसे मिलने की बात कही। तीन दिन के बाद अगर सुनवाई नहीं हुई तो वापस प्रदर्शन करेंगे।

ज्ञापन में राखी मांगे
एबीसीपी के ज्ञापन में बताया गया की यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को फैकल्टीज द्वारा पास करने के बाद भी पीजीडीएम ऑफिस से फेल कर दिया जाता है। इससे स्टूडेंट्स के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
यूनिवर्सिटी रेवोलुशन और इंस्पेक्शन के नियमों को भी नहीं मान रही है। रूल होने के बावजूद स्टूडेंट्स को अपनी परीक्षा के बाद कॉपी नहीं दिखाई जा रही है।
स्टूडेंट्स से एक्सेल सब्जेक्ट पढ़ने के नाम पर 12,5000 रुपए लिए थे लेकिन अभी तक वह विषय नहीं पढ़ाया गया।
यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर सुधीर प्रधान पिछले एक महीने से नहीं आए है। कई बार संपर्क करने के बाद कोई जवाब नहीं मिल रहा है। इनके अलावा यूनिवर्सिटी में एक भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है जो स्टूडेंट की परेशानियों का निराकरण करे। स्टूडेंट्स परेशान हो रहे है।