• आधुनिकता आवश्यक, नैतिक मूल्यों की बलि आधार क्यों…?? 

द पब्लिकेट, इंदौर। पाष्ट्य संस्कृति और आधुनिकता एक ही सिक्के के दो पहलू है, लेकिन इन्हें स्वीकार करने के लिए हमारे संस्कारों और नैतिक मूल्यों की बलि क्यों आधार बनती जा रही है। खासकर देश के आने वाले भविष्य युवा इन बारीकियों को समझने में हर स्तर पर असफल नजर आ रहे है। ताजा मामला अंग्रेजी नव वर्ष की पूर्व रात्रि को क्लबों में वृहद रूप से नजर आया। द पब्लिकेट परिवार इन्हें स्वीकार करने को लेकर कोई अप्पति नहीं ले रहा लेकिन हमारे नैतिक मूल्यों की बलि हमें स्वीकार नहीं, हम इसे सिरे से नकारते है।

मंगलवार की रात जब पूरा विश्व नए साल का स्वागत करने में मशगूल था, उस रात आधुनिकता के नाम पर हमारे नैतिक मूल्यों की नृशंस हत्या हुई है। खजराना थाना क्षेत्र के डोपामाइन क्लब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें युवक युवती अश्लीलता की सारें हदें पार करते नजर आ रहे है। क्लब के अंदर तेज डीजे साउंड बजने के दौरान युवक युवती एक दूसरे के साथ अश्लीलता कर रहे थे। बताया जा रहा है यह अश्लील कृत्य उस समय हुआ जब पुलिस हर चौराहों पर चेकिंग कर रही थी। पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह भी फील्ड पर मौजूद थे। यह भी जानकारी सामने आई है की क्लब देर रात तक संचालित था, लेकिन पुलिस अपनी आँख मूँदे बैठी रही। 

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