द पब्लिकेट, इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे है। उन्होंने भूमाफियाओं की हालत टाइट कर रखी है, लेकिन आज भी कई ऐसे पीड़ित बुजुर्ग शहर में है जो खेती मजदूरी कर अपनी बरसों पहले खरीदी जमीन पाने के लिए दर-दर भटक रहे है। सालों से पुलिस और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने के बाद भी इनको इंसाफ नहीं मिल रहा। क्योंकि भूमाफियाओं की सेटिंग ऊपर तक है। आपको बता दें, कनाड़िया में रहने वाले 80 साल के बुजुर्ग अपनी खुद की खरीदी हुई जमीन के लिए भटक रहा है। 

कैंसर पीड़ित 80 वर्षीय रामगोपाल पिता बद्रीलाल ने अपनी रिश्तेदार रमेश पिता  रामविलास के साथ मिलकर 1965 में कनाडिया इलाके में सर्वे नंबर 20 रकबा 11.29 एवं सर्वे नंबर 28 रकबा 1.29 कूल 12.50 एकड़ कृषि भूमि रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से खरीदी थी, लेकिन इसके करीब  39 साल बाद रिश्तेदार रमेश ने जमीन के कागजातों में बिना अनुमति के धोखाधड़ी कर पीड़ित रामगोपाल का नाम हटवाकर छोटे भाई बाबूलाल का नाम पंजी  में डलवा दिया। यह बात जब रामगोपाल को पता चली तो उसने पहले तो रमेश और सगे भाई बाबूलाल से जमीन को लेकर बात कही। इसपर रमेश ने आश्वासन दिया था कि गलती से बाबूलाल का नाम चढ़ गया। कैंसर होने वजह से रामगोपाल लगातार  बीमार रहने लगा पूरा परिवार इलाज ने लगा रहा। वह अस्पताल में भी लंबे समय भर्ती रहा जिसके बाद जब अस्पताल से बाहर आया तो दोनों ने उसे स्पष्ट कह दिया की यह जमीन हमारी है, इसमें तुम्हारा कोई हिस्सा नहीं है। तब तक रमेश और बाबूलाल ने बिना रामगोपाल की अनुमति के बगैर जमीन के हिस्सों में 50 प्रीतिशत का बटवारा कर लिया था। सिविल कोर्ट में दावा भी लगाया ,आज भी न्यायालय में अपील लंबित है लेकिन जब पीड़ित को पता चला कि जिस जमीन पर विवाद है उसपर कम चल रहा है तब पीड़ित ने कोर्ट में स्टे के लिए आवेदन भी लगाया। कोर्ट में केस विचाराधीन होने के चलते जमीन पर संचालित होने वाला कार्य रुक जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रमेश और बाबूलाल ने स्काय लक्ज़रिया ग्रीन के डेवलपर्स सागर चावला एवं एक अन्य मालिक के साथ मिलकर काम चलने दिया और विवादित जमीन पर रेरा की भी अनुमति ले ली। कोर्ट में केस दो सालों से विचाराधिन है लेकिन अब तक कोर्ट से न्याय नहीं मिल उल्टा वकील की गलती की वजह से प्रकरण में स्टे एप्लिकेशन भी पेश नहीं की गई थी ।एक कृषक की जमीन स्काई लक्ज़रिया ग्रीन नाम से कॉलोनी काट दी और रेरा भी पास करवा लिया। 

भूमाफिया और रेरा की मिलीभगत 

भूमाफिया सागर चावला व एक अन्य और रेरा की मिली भगत से विवादित संपत्ति पर आज प्लॉट सेल हो रहे हैं। स्काई लक्ज़रिया ग्रीन नाम से जो कॉलोनी प्लाट विक्रय किए जा रहे है वह विवादित जमीन है, जिसकी ग्राहकों को भनक तक नहीं। 

आपको बता दें, जमीन पर अगर कोई व्यक्ति खुद की सम्पत्ति बताकर केस करता है तो कानूनी तौर पर कोर्ट जमीन पर काम रुकवा देती है, लेकिन उसके बावजूद भी विवादित जमीन पर रेरा ने भूमाफिया को जमीन पर निर्माण करने की अनुमति दे दी। रेरा ने बिना दस्तावेज देखे या ऑनरशिप के चेन डॉक्यूमेंट वेरिफाइड किए बिना ही फिर यू कहे कि शुभ लाभ कर रेरा अप्रूव कर दिया। अगर उस समय रेरा जांच पड़ताल कर जमीन के दस्तावेजों की जांच करती तो मात्रा पंजी के आधार पर कैसे कोई स्वामी हो सकता है स्पष्ट हो जाता।

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