द पब्लिकेट, इंदौर। भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने चर्चाओं रहने के लिए कई बार मंच पर हंसी ठिठोली की। ठीक है, लेकिन अनुशासित पार्टी होने के चलते यह गलत बयानबाजी भरी पड़ सकती है। नगर अध्यक्ष होने के नाते मिश्रा को यह पता होना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत। मिश्रा की यह आदत अब पार्टी के उन वरिष्ठ नेता-मंत्रियों को भी खलने लगी है जिन्होंने पार्टी में रहकर कभी ऊटपटांग बयान नहीं दिया। हालही में मिश्रा ने संजीवनी क्लिनिक के कार्यक्रम में महापौर पुष्यमित्र भार्गव को स्मार्ट सिटी के स्मार्ट महापौर बोलकर बयान दिया। मंच पर मिश्रा जोश में होश खो बैठे और यह बोल दिया कि महापौर इतने स्मार्ट है कि पत्नी दिन में 5-6 बार वीडियो कॉल करती है…पूछती है कहां-कहां गए… महापौर इतने स्मार्ट है कि पत्नी को डर लगता है कि कोई पकड़-पकुड़ के नहीं ले जाए। तो मिश्रा जी यह उनका व्यतिगत संबंध है। वीडियो कॉल या फिर स्मार्य होने के कारण क्या कहीं उनके कार्य में कमी पेशी आई ? आप खुद शहर के नगर अध्यक्ष हो। सिर्फ हंसी ठिठोली करने के लिए अपने उस व्यक्ति का मजाक उड़ाया जो शहर ही नहीं पूरे प्रदेश का लोकप्रिय महापौर है। उनकी निजी बात अपने कैसे भरे मंच पर बोल दी। हालांकि मिश्रा जी आपको जब लगा कि बयान गलत बोला गया तो अपने लीपापोती करने के लिए महापौर को बड़े वकील, फिट और स्मार्ट भी बताया। लेकिन अगर इंदौर जैसे स्मार्ट शहर की कमान अपने हाथ में है तो आपको ऐसे भद्दे और बेतुके बयान बोलने से बचना चाहिए। 

बोलने से पहले इस बात का भी ध्यान दें कि पार्टी कार्यालय बंद कब होता है ! 

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