द पब्लिकेट, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। एलएलबी फिफ्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों की शुक्रवार को होने वाली भारतीय दंड संहिता (BNS) की परीक्षा में बीएनएसएस (BNSs) का प्रश्न पत्र बांट दिया गया। पेपर खुलते ही छात्र-छात्राएं हैरान रह गए और परीक्षा केंद्रों पर हंगामे जैसे हालात बन गए। मामला सभी सेंटरों तक पहुंचा तो विश्वविद्यालय ने गलती छिपाने के लिए परीक्षा ही रद्द कर दी।
एक घंटे तक चले अफरा-तफरी के हालात
सुबह 11 बजे शुरू हुई परीक्षा में जब विद्यार्थियों ने प्रश्न पत्र देखा तो उन्हें समझ आया कि यह विषय उनका नहीं है। देखते ही देखते विश्वविद्यालय के सभी सेंटरों से गड़बड़ी की खबरें आने लगीं। करीब एक घंटे तक परीक्षा केंद्रों पर अफरा-तफरी मची रही। आखिरकार DAVV प्रशासन ने परीक्षा रद्द कर दी और छात्रों को घर भेज दिया।
गवर्नमेंट लॉ कॉलेज अध्यक्ष ने जताया आक्रोश
गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के अध्यक्ष नितिन दिलीप पटेल ने कहा कि “यह विश्वविद्यालय की घोर लापरवाही है। विद्यार्थियों की मेहनत और समय दोनों बर्बाद हुए हैं। DAVV को इस गलती की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
पहले भी हुई थी गड़बड़ी
छात्रों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ दिन पहले हुई एलएलबी फिफ्थ सेमेस्टर की भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) परीक्षा में भी पुराना लॉ ऑफ एविडेंस पेपर दे दिया गया था। उस वक्त भी छात्रों के विरोध के बाद विश्वविद्यालय ने मामले को दबा दिया था।
विश्वविद्यालय की लापरवाही से पैसों की भी बर्बादी
इस बार भी गलत पेपर छपवाने और परीक्षा रद्द होने से विश्वविद्यालय को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। परीक्षा की प्रिंटिंग, डिलीवरी और आयोजन पर खर्च हुआ सारा पैसा बर्बाद हो गया।

