द पब्लिकेट, इंदौर। प्रेस्टीज कॉलेज में कल एबीवीपी के महानगर संगठन मंत्री और नगर मंत्री के नेतृत्व में कॉलेज की अनियमिताओं को लेकर जमकर प्रदर्शन किया, लेकिन प्रदर्शन के बजाये कॉलेज में गुंडागिर्दी हो गई। कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के अन्य छात्रों को रोका तो वहीं, प्रदर्शन में बाहरी छात्र मौजूद रहे। गेट बंद हुए तो प्रबंधक ने पुलिस बुलाई लेकिन प्रदर्शनकारी इतने आक्रोश में थे कि उन्होंने पुलिस से ही हुज्जत कर ली। पुलिस ने जैसे तैसे गेट खुलवाया जिसमें धक्का मुक्की के कारण गलत हाथ लगा गया। इसपर एबीवीपी के नगर मंत्री ने पुलिस पर भी आरोप लगाए। एबीवीपी के एक मंत्री ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए सीधा आला अधिकारी को कॉल कर पुलिसकर्मियों को बुराई कर दी। बताया जा रहा है ईगो सेटीसफ़ैशन के चक्कर में प्रदर्शन हुआ और सैकड़ों छात्रों को परेशान होना पड़ा।

बताया जा रहा है एबीवीपी की नई कार्यकारणी बनने के बाद अब कॉलेज की कार्यकारणी बनने की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच दो दिन पहले प्रेस्टीज कॉलेज में बैठक ले रहे दो एबीवीपी कार्यकर्ताओं की कॉलेज डायरेक्टर से बहस हो गई। अगले दिन कार्यकर्ताओं ने खुन्नस में कॉलेज में प्रदर्शन करने का आवाहन कर दिया। बताया कि कॉलेज में अनियमिताओं को लेकर प्रदर्शन होगा। शुक्रवार को एबीवीपी का महानगर संगठन मंत्री पीयूष सोनी, नगर मंत्री देवेश गुर्जर सहित कार्यकर्ता प्रदर्शन करने पहुंचे तो प्रबंधक ने ध्यान नहीं दिया तो कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे तो प्रबंधक ने मुंह मोड़ लिया। जिसके बाद नगर मंत्री देवेश गुर्जर और महानगर संगठन मंत्री पीयूष सोनी आक्रोशित हुए और प्रदर्शन में दौरान कार्यकर्ताओं से गेट लगवा दिए। पहले कॉलेज कमरे में प्रदर्शन हुआ जिसके बाद बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए मेन गेट भी लॉक करवा दिया। इसमें जिन छात्रों को बाहर जाता था उन्हें भी रोका गया। छात्रों की परेशानी देख पुलिस को सूचना दे दी गई। थोड़ी देर में जब पुलिस पहुंची तो उनसे भी गलत व्यवहार हुआ। नारेबाजी के दौरान पुलिस ने गेट खुलवाया तो कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। कार्यकर्ता इतना आक्रोश में थे जैसे ही उनके साथ मारपीट हो गई हो। जब पुलिस ने गेट खोलने पर दबाव बनाया तो सैकड़ों कार्यकर्ता उनपर टूट पड़े। कोई गेट खोलने को राजी नहीं हुआ तो पुलिस को अपना बल लगाकर गेट खुलवाना पड़ा। उस दौरान एक कार्यकर्ता ने जबरदस्ती की। महिला पुलिसकर्मी का हाथ पकड़ते ही अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा लेकिन वह भागता फिरा। यह देख अन्य कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस पर युवती कार्यकर्ता को टच करने के आरोप लगाए।

पुलिस पर दबाव बनाने लगवाया कॉल
बताया जा रहा है जब पुलिस पहुंची और बात नहीं बनी तो एबीवीपी के एक संगठन मंत्री ने इंदौर पुलिस के आला अधिकारी को कॉल कर पुलिसकर्मियों की शिकायत कर दी। मंत्री की बड़े नेता के लड़के से बातचीत अच्छी है जिसके चलते वह किसी को कुछ नहीं समझता।


यह कहता है संगठन का नियम
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जो अनुशासन, राष्ट्रवाद और कार्यकर्ता-केंद्रित कार्यशैली के लिए जानी जाती है, हाल ही में इंदौर में कुछ घटनाओं के कारण चर्चा में है। प्रेस्टीज कॉलेज में हुए प्रदर्शन के दौरान महानगर संगठन मंत्री पियूष सोनी और मंत्री देवेश गुजर की मौजूदगी में अनुशासन भंग हुआ। बताया जाता है कि देवेश गुजर ने अपने ही कार्यकर्ताओं से कठोर भाषा में बात की, जिससे असंतोष फैल गया। परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का मानना है कि व्यक्तिगत अहंकार संगठन की मूल भावना को आहत करता है। RSS और ABVP का सिद्धांत “व्यक्ति से बड़ा संगठन और संगठन से बड़ा राष्ट्र” है, पर हाल की घटनाएँ इस सोच के विपरीत दिखती हैं। छात्र हित में बने संगठन से यदि छात्र ही असहज हों तो यह आत्ममंथन का विषय है। अब परिषद को अपने मूल मंत्र “संघर्ष, समर्पण और संस्कार” पर पुनः दृढ़ होकर अनुशासन और संवाद की परंपरा को सशक्त बनाना होगा।

