द पब्लिकेट, उज्जैन। देशमुख अस्पताल में गंभीर मेडिकल लापरवाही का मामला सामने आया है। 34 वर्षीय अंजलि यादव की मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। परिजनों ने इलाज कर रहीं डॉक्टर डॉ. स्नेहल देशमुख पर सीधे मर्डर का आरोप लगाया है। इससे पहले अंजलि के गर्भ में पल रहे शिशु की भी अस्पताल में मौत हो चुकी थी।

मृतका के पति नितेश यादव ने बताया 7 अक्टूबर को मृतका अंजलि को परिजन इलाज करवाने के लिए देशमुख अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इलाज के दौरान डॉक्टर ने अंजलि को आयरन का वह इंजेक्शन लगाया जो महिला को गर्भवती होने सातवे महीने में लगता है, लेकिन डॉक्टर ने वह नौवें महीने में लगा दिया। इसके कारण गर्भ में बच्चे की मौत हो गई। इसका सदमा लगने पर परिजन पहले कुछ समझ नहीं पाए और मृतका को घर लेकर आ गए। घर पहुंचने के बाद अंजलि की हालत बिगड़ने लगी। उसे तेज घबराहट, बेचैनी और दूसरी समस्याएँ होने लगीं। परिवार का कहना है कि उन्होंने अस्पताल को जानकारी दी, लेकिन न उन्हें वापस बुलाया गया और न ही कोई स्पष्ट मार्गदर्शन दिया गया। हालत लगातार बिगड़ती गई और 13 नवंबर को अंजलि की मौत हो गई।

परिवार का आरोप

परिजनों ने अस्पताल और डॉ. स्नेहल देशमुख पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टर ने गलत उपचार कर दिया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। वहीं उसके बिगड़ते लक्षणों को नजरअंदाज किया। लापरवाही के कारण पहले बच्चे की जान गई और फिर अंजलि की भी मौत हो गई। परिवार का साफ कहना है कि यह महज़ नेग्लिजेंस नहीं, बल्कि जान लेकर की गई लापरवाही, यानी मर्डर है।

वर्तमान स्थिति

मामले के सामने आने के बाद परिवार अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। घटना ने अस्पताल प्रबंधन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल की ओर से अभी तक इस मामले पर किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया गया है।

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