• नियमों के विपरीत निगम आयुक्त के बंगले का कायाकल्प 
  • बिना टेंडर प्रक्रिया के कराया जा रहा कार्य, उठे सवाल

द पब्लिकेट, इंदौर। शहर में नियमों और कानूनों की सख्ती से पालन की बात करने वाले नगर निगम आयुक्त (कमिश्नर) दिलीप सिंह यादव खुद ही नियमों को दरकिनार करते दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार, निगम आयुक्त के सरकारी बंगले में बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। खास बात यह कि बंगले में घरेलू उत्पाद का सारा सामान ब्रांडेड है। 

इस मामले में सवाल यह उठ रहा है कि जब नगर निगम स्वयं पारदर्शिता और नियमों के पालन पर जोर देता है, तो उच्च अधिकारी द्वारा नियमों की अनदेखी क्यों की जा रही है? सूत्रों का कहना है कि यह कार्य जोनल अधिकारी गीतेश तिवारी को सौंपा गया है। गीतेश ही अन्य कर्मचारियों से मिलीभगत कर कमिश्नर के बंगले का कार्य संभाल रहा है। जानकारी तो यह भी है कि कार्य की देख-परख करने के लिए एक दिन उनकी पत्नी और एक दिन खुद कमिश्नर आते है। 

सूत्रों के अनुसार, बंगले के कायाकल्प के नाम पर हो रहे कार्यों में न तो कोई निविदा प्रक्रिया अपनाई गई है और न ही इसके लिए औपचारिक स्वीकृति प्राप्त की गई है। इससे निगम के अंदर ही नैतिकता और पारदर्शिता को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

जानकारों का कहना है कि पूर्व में कलेक्टर पद पर रहते हुए नियमों के पालन को लेकर सख्त छवि रखने वाले दिलीप सिंह यादव अब निगम में आते ही “अपवाद” बनते दिख रहे हैं।अब यह सवाल उठा रहे हैं कि “जब नियम आम नागरिकों पर लागू हैं, तो क्या अधिकारी इनसे मुक्त हैं?”

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