द पब्लिकेट, इंदौर। नवरात्र के नौ दिन माता की अराधना,स्तुति और तप के लिए होते हैं। व्रत भी किसी तप से कमनहीं। यह तप तभी सिद्ध होगा जब आप बाजार के आकर्षण से स्वयं को बचा पाएंगे  और व्रत का सही अर्थ समझपाएंगे। व्रत का अर्थ होता है किसी विशेष उद्देश्य से खानेपीने से संयम रखना। यह धार्मिक, मानसिक, और शारीरिकशुद्धि के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म में व्रत का विशेष महत्व है और इसे विशेष तिथियों या त्योहारों के अवसर परकिया जाता है।

आइए जानते हैं व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (एक्स्पर्ट्स के मुताबिक):

व्रत क्यों करना चाहिए?

व्रत धार्मिक आस्था से जुड़े होते हैं और आत्मशुद्धि, भक्ति, और भगवान के प्रति आस्था प्रकट करने का एक तरीका है।इससे मन और शरीर दोनों की शुद्धि होती है और व्यक्ति अपने इंद्रियों पर नियंत्रण पा सकता है।

व्रत के पीछे का वैज्ञानिक कारण:

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, व्रत करने से शरीर को डिटॉक्स करने का मौका मिलता है। यह पाचन तंत्र को आराम देता है, शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और यह मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भीबढ़ती है। इतना ही नहीं व्रत करने से बुढ़ापा भी धीमा होता है।

व्रत करने के फायदे :

शरीर की शुद्धि होती है।

मानसिक शांति मिलती है।

पाचन तंत्र को आराम मिलता है।

मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।

वजन घटाने में सहायक होता है।

आत्मसंयम और ध्यान की क्षमता बढ़ती है।

उपवास कैसे करें :

व्रत करने के कई तरीके होते हैं, जैसे:

फलाहार व्रत: जिसमें केवल फल और दूध का सेवन किया जाता है।

निर्जला व्रत: बिना पानी के उपवास।

एक समय भोजन: जिसमें दिन में केवल एक बार भोजन किया जाता है।

व्रत से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको उस व्रत की परंपरा और नियमों की सही जानकारी हो।

सावधानियां:

  • व्रत के दौरान अत्यधिक शारीरिक कार्य से बचें।
  • आवश्यकता के अनुसार पानी या फलों का सेवन करते रहें, खासकर निर्जला व्रत हो तो।
  • अगर शरीर में कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
  • व्रत के दौरान अधिक तलाभूना खाने से बचें।

याद रखे हम व्रत बीमारी के जोखिम को कम करने बुढ़ापे को धीमा करने के लिए करते हैं कि बाजार का नमकीन आलू चिप्स खाने के लिए।

किसे उपवास नहीं करना चाहिए?

गर्भवती महिलाएं।

शारीरिक रूप से कमजोर लोग।

मधुमेह, हृदय रोगी, और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग।

वृद्ध व्यक्ति, जिन्हें नियमित रूप से पोषण की जरूरत होती है।

व्रत के दौरान अपनी डाइट में यह शामिल करें :

ताजे फलों और नारियल पानी  ऊर्जा बनाए रखते हैं।

व्रत की थाली में सभी दालें,हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ छाछ भी शामिल करें।

व्रत कैसे तोड़ना चाहिए?

व्रत तोड़ते समय हल्के और पौष्टिक भोजन से शुरुआत करें। पहले फलों या नारियल पानी का सेवन करें और धीरेधीरेसामान्य आहार की ओर जाएं। इससे पाचन तंत्र पर भार नहीं पड़ेगा।

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