द पब्लिकेट, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में 9 अगस्त को एक डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर अपने द्वारा संचालित सभी अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों की संख्या में 25% की वृद्धि करने का फैसला किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इसने इन अस्पतालों को तत्काल सुरक्षा संबंधी सहायता के लिए मार्शल तैनात करने का भी निर्देश दिया है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक नया केंद्रीय कानून पेश करना जरूरी नहीं था। सूत्रों में से एक ने कहा, “आर जी कर घटना पर आधारित कानून लाने से कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा क्योंकि यह मरीज-डॉक्टर हिंसा का मामला नहीं था। बलात्कार और हत्याएं मौजूदा कानूनों के तहत आती हैं।” इसके अलावा, सूत्र ने बताया कि 26 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले ही डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं।