- कोर्ट ने कहा – परीक्षा की पवित्रता में कोई गंभीर खामी नहीं
द पब्लिकेट, नई दिल्ली। 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 की दोबारा परीक्षा कराने की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में कोई ऐसा सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो कि परीक्षा के परिणाम प्रभावित हुए हैं या परीक्षा की पवित्रता में कोई व्यापक उल्लंघन हुआ है।
कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में कोई ऐसा सबूत नहीं है जो दिखाए कि प्रश्न पत्र में बड़ा लीक हुआ है जिससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई हो। बता दें कि 5 मई को हुई परीक्षा को लेकर कई याचिकाएं आई थीं, जिनमें परीक्षा रद्द करने, फिर से कराने और कोर्ट के देखरेख में जांच की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला तथा मनोज मिश्रा ने कहा कि इस साल की नई नीट यूजी परीक्षा कराने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इससे 24 लाख से अधिक छात्रों की दाखिला प्रक्रिया पर बड़ा असर पड़ेगा, चिकित्सा शिक्षा के पूरे तंत्र में बाधा आएगी, और विशेष रूप से आरक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को कठिनाई होगी। इस स्थिति से निपटने के लिए और ज्यादा समय, संसाधन और प्रयास की आवश्यकता होगी, जिससे कि मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने कोर्ट को बताया कि हजारीबाग, झारखंड के केंद्र में पेपर लीक हुआ था। सीबीआई ने कहा कि कुछ पेपर जलाए गए हैं और कुछ बरामद किए गए हैं जिनकी जांच की जाएगी।
कोर्ट ने स्वीकार किया कि प्रश्न पत्र लीक हुआ था, लेकिन डेटा के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। कोर्ट ने निर्णय दिया कि 23.33 लाख मेडिकल उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा कराने के आदेश से व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, और इसलिए परीक्षा को स्थिरता बनाए रखने के लिए रद्द नहीं किया जाएगा।