द पब्लिकेट, दिल्ली। पुलिस ने पिछले हफ्ते बांग्लादेश और भारत में किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के मामले में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की डॉक्टर विजया कुमारी को गिरफ्तार किया। इससे पहले इसी मामले में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया था।
डॉक्टर कुमारी, जो अब अपोलो से निलंबित हैं, ने 2021 से 2023 के बीच नोएडा स्थित यथार्थ अस्पताल में लगभग 15-16 प्रत्यारोपण किए थे। पुलिस के अनुसार, बांग्लादेश के मरीजों को दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण के लिए लुभाया जाता था।
गिरफ्तार बांग्लादेशियों की पहचान कुश्तिया के 29 वर्षीय रसेल, 28 वर्षीय एमडी सुमोन मिया, 26 वर्षीय एमडी रोकोन, और इफ्ती के रूप में हुई है। इफ्ती को छोड़कर सभी को गिरफ्तार किया गया है। रसेल ने बांग्लादेश से दाताओं को दिल्ली बुलाया और उन्हें किडनी के लिए चार से पांच लाख रुपये का लालच दिया गया।
प्राप्तकर्ताओं से 25 से 30 लाख रुपये का शुल्क लिया गया। इस रैकेट में अल शिफा नामक एक चिकित्सा पर्यटन कंपनी भी शामिल थी, जो दाताओं और प्राप्तकर्ताओं के प्रवास, उपचार और परीक्षणों का समन्वय करती थी।
पुलिस ने रसेल के कमरे से नौ पासपोर्ट, दो डायरियां और एक रजिस्टर बरामद किया, जिसमें दाता और प्राप्तकर्ता के बीच मौद्रिक लेनदेन का विवरण था।
कुमारी अपोलो अस्पताल में एक वरिष्ठ सलाहकार और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन थीं, जो सेवा के बदले शुल्क के आधार पर काम करती थीं, न कि अस्पताल के पेरोल पर। यथार्थ अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, कुमारी वहां विजिटिंग कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही थीं और अपने लाए गए मरीजों पर प्रत्यारोपण करती थीं।