द पब्लिकेट। हाथरस में हुई भगदड़ की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में 116 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। इस घटना के मुख्य आरोपी के रूप में पूर्व एसआई सूरज पाल सिंह के सत्संग कार्यक्रम को देखा जा रहा है। सूरज पाल सिंह, जो भोले बाबा के नाम से विख्यात हैं, ने 18 वर्ष पूर्व पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी और सत्संग समागम शुरू कर दिया था।
भोले बाबा के सत्संग की शुरुआत हाथरस में करीब 15 साल पहले हुई थी। पहली बार यह सत्संग कछपुरा के पास हुआ था, जिसके बाद से यह हर साल जिले की विभिन्न तहसील क्षेत्रों में आयोजित किया जाता है। भोले बाबा अपनी पत्नी के साथ कुर्सी पर सफेद पेंट शर्ट में बैठते हैं और हजारों की संख्या में अनुयायी उनके सत्संग में पहुंचते हैं।
कासगंज के पटियाली निवासी सूरज पाल सिंह ने वर्ष 2006 में पुलिस की नौकरी से वीआरएस लेकर अपने गांव आ गए और वहां से सत्संग करने लगे। लोगों से चंदा मिलने लगा तो यह आयोजन बड़े होते गए। पटियाली में बहुत बड़ा आश्रम संत का बना है, जहां लोग मत्था टेकने आते हैं।