द पब्लिकेट से अनुश्री करंकार, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज आगाज हुआ।प्रधानमंत्री सहित सभी नवनिर्वासित सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ, जिसमें मोदी ने सभी का हृदय से स्वागत, अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 15 मिनट के भाषण में कुछ ख़ास बिंदु पर अपनी बात रखी।
गौरव की बात हैं की आज़ादी के बाद अपनी संसद में शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव का शपथ ग्रहण नए संसद भवन में हुआ साथ ही, विश्व के सबसे बड़े चुनाव का गौरवमय रूप से संपन्न होना भारतीयों के लिए गर्व की बात है।
18वे लोकसभा सत्र में 18 अंक का सात्विक मूल्य
18 अंक शुभ है उदहारण देकर कहा कि गीता में भी 18 अध्याय है जो कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देती है।हमारे देश में 18 वर्ष की उम्र में ही पहली बार मताधिकार का अवसर प्राप्त होता है।
18 का मूलांक 9 और 9 पूर्णता का प्रतीक है, उसी तरह हम सभी को सामान्य देश वासियों की अपेक्षाओं को साथ मिलकर सार्थक करना है और विकसित भारत 2047 पर काम करना है। देश में युवा सांसदों की संख्या बढ़ी है ये खुशी का विषय है।
25 जून को आपातकाल के 50 वर्ष, संविधान में निष्ठा रखने वालो के लिए काला दिन
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आपातकाल की निंदा की, 25 जून 2024 में आपातकाल को 50 वर्ष पूरे होने जा रहे है और कहा कि फिर से ऐसा दिन ना आए, इसका संकल्प लें। तब लोकतंत्र को दबोचा गया, संविधान को नकारा गया। देश को जेलखाना बनाया गया।
लोग सब्सटेंस चाहते है, स्लोगन नहीं
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के लिए कहा कि मैं विपक्ष से आशा करता हूं की वे लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने में, संविधान की रक्षा करने में,सामान्य जन के विश्वास पर खरे उतरेंगे।लोगो को नखरे,ड्रामा, डिस्टरबेंस की आशा नहीं होती है।देश को अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है।
भाषण के अंत में उन्होंने देश के नागरिकों को धन्यवाद दिया कहा कि आज़ादी के 60 साल बाद दूसरी बार किसी पार्टी को जनता ने तीन बार आने का अवसर प्रदान किया जिससे हमारा दायित्व तीन गुना बढ़ गया है।विकसित भारत 2047 को लेकर हम सबका दायित्व है।25 करोड़ लोगो को गरीबी से निकालकर ,भारत को गरीबी से मुक्त करने में हम जल्द होंगे सफल ऐसा आश्वासन दिया।
ये भी कहा कि देश के लोग परिश्रम करने में पीछे नहीं हटते, उन्हें ज्यादा से ज्यादा अवसर दे।यह सत्र संकल्प का सदन बने,सामान्य जन के सपने साकार हो और अनेक अनेक अपेक्षाओं के साथ हम सब मिलकर के देश की जनता द्वारा दिए गए दायित्व को समर्पण से निभाएं।