- ग्वालियर पुलिस कर रही थी दिनभर से पूछताछ, रात में ले गई ग्वालियर
- आगरा से बैठे दंपति को मिला था दो महीने का नवजात
भव्य द्विवेदी… द पब्लिकेट, इंदौर। वृंदावन से दर्शन कर ट्रैन से आ रहे दंपति को ट्रैन की बोगी में दो महीने का नवजात मिला, उन्होंने आस-पास लोगों से नवजात के परिजन की जानकारी मांगी, लेकिन सबने मना कर दिया। थोड़ी देर बाद दंपति के पास दो युवक आए और बच्चा उनका होना बताने लगे। इसपर दंपति ने युवकों से सबूत मांगे, लेकिन वह नहीं दे पाए और निकल गए। दंपति को डर था की उनके साथ कोई अनहोनी न हो जाए जिसके चलते वह ललितपुर स्टेशन उतरे और बस से इंदौर आ गए। लेकिन उनके साथ कहानी तब उलझी जब उन्होंने इंदौर के रेलवे थाने में नवजात को सौंपा। बुधवार के दिन ग्वालियर पुलिस दो महीने के बच्चे के माता-पिता के साथ इंदौर आई और दिनभर इंदौर के दम्पति से पूछताछ कर आरोपी बना कर ग्वालियर के गई ।
मामला है इंदौर के रेलवे स्टेशन थाने का। इंदौर के आईआईएम कॉलेज के ट्रेनर अमर सिंह चौहान ने बताया वह अपनी पत्नी सहित बेटी के साथ दर्शन करने वृंदावन गए थे। उनका 5 अप्रैल का रिटर्न टिकट था, लेकिन रिजर्वेशन कनफ़ॉर्म नहीं था, जिसके चलते वह रात 11:20 बजे आगरा स्टेशन पर जाकर ट्रेन में चड़ गए। देर रात करीब 1:30 बजे उनको सीट मिल गई। वह ट्रेन की ऊपर की सीट पर जैसे ही बैठे उनको पैर के पास अजीब सा लगा। देखा तो पोटली में एक नवजात था। यह देख अमर ने आस-पास देखा तो वनजात का कोई परिजन नहीं मिला। लोगों से पूछा तो सबने मना कर दिया। अमर नवजात के परिजन को ढूँढ ही रहा था की इतनी देर में दो युवक आए और अमर से बच्चा मांगने लगे। कहने लगे यह बच्चा हमारा है। अमर ने युवकों से बच्चे के परिजन होने का प्रमाण मांगा, लेकिन वह नहीं दे पाए। तब युवकों ने धमकी देकर अमर से थोड़ी देर में आने को कहा। इसपर अमर को लगा की उसके साथ कोई अनहोनी नहीं हो जाए। और परिजन भी साथ में थे, तो डर के कारण वह ललितपुर स्टेशन पर अपनी पत्नी, बच्ची और नवजात को साथ लेकर करीब देर रात 4 बजे उतर गया और रिक्शा करके हाइवे चला गया। सागर हाइवे पहुंचकर वह बस से भोपाल आ गए। और भोपाल से टैक्सी से इंदौर आ गए। इंदौर आने में उनको रात हो गई थी जिसके कारण उन्होंने नवजात को अपने घर ही सुला लिया। अमर ने बताया उनको अगले दिन ड्यूटी पर जाना था जिसके चलते वह अगले दिन 7 तारीक को ड्यूटी पर चले गए। जिसके बाद 8 तारीक को उन्होंने नवजात को रेलवे थाने जाकर पुलिस के सुपुर्द किया।
ग्वालियर पुलिस नवजात को लेने आई इंदौर
बुधवार के दिन अमर को जानकारी लगी की ग्वालियर पुलिस थाने में किसी दंपति ने अपने 2 महीने के बच्चे की अपहरण होने की शिकायत दर्ज करवाई है। ग्वालियर पुलिस से साथ नवजात के माता-पिता भी इंदौर आए थे। अमर को इंदौर के रेलवे थाने से कॉल आया और थाने बुलाया। दिनभर ग्वालियर पुलिस ने अमर और उनकी पत्नी से पूछताछ की। और रात में आरोपी बना कर थाने ग्वालियर थाने ले गई है।
नवजात के माता-पिता ने भी की थी शिकायत
छतरपुर के रहने वाले उमेश कुमार 27 अपनी पत्नी और दो महीने के बच्चे के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन करने गए थे। दर्शन करने के बाद 5 और 6 अप्रैल की रात को मालवा एक्सप्रेस के एस-2 कोच में सवार होकर लौट रहे थे। उनकी बर्थ नंबर 13 और 14 थी। कटरा स्टेशन से वह ट्रेन में सवार हुए, तो कुछ दूर पहुंचने पर उनकी पत्नी का पेट दर्द हुआ। ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी को दवा खिलाई और बच्चे को पत्नी के साथ ही सुला दिया। खुद अकेले दूसरी बर्थ पर लेट गए। तड़के सुबह जब डबरा स्टेशन के पास नींद खुली, तो देखा कि पत्नी सो रही है और बच्चा गायब है। बच्चे को गायब देखकर उन्होंने शोर मचाया, तो जीआरपी के जवान पहुंचे और बच्चे को तलाशना शुरू किया। बच्चे का पता न चलने पर जीआरपी थाने आकर मामला दर्ज कराया। जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की। इसी बीच पता चला है कि इंदौर में एक दंपती ने जीआरपी को लावारिस हालत में मिला एक बच्चा सौंपा है।