- आयोजन में दिखी पुलिस की लापरवाही
- आरोपितों का निकला नेताओं से कनेक्शन
इंदौर। प्रभातफेरी के दौरान हुई हत्या में पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे है, क्योंकि 3.50 लाख लोगों की संख्या वाले आयोजन में इतना बड़ा हादसा हो गया और पुलिस आस-पास भी नहीं दिखी। विवाद के वायरल वीडियो में आस-पास पुलिस नहीं दिख रही है जिससे साफ जाहिर होता है की आयोजन में पुलिस ने लापरवाही बर्ती। वहीं, हत्या करने वाले आरोपियों में से कुछ के नेताओं से कनेक्शन है।
प्रभातफेरी के दौरान एक रोड पर तो प्रभात फेरी निकल रही थी, लेकिन दूसरी तरफ लाखों की भीड़ के साथ कई एसे लोग भी शामिल थे जो हथियारों से लेस थे। अगर पुलिस की तैनाती उन सड़क पर रहती, उन तंग गलियों में रहती हो यह हादसा टल सकता था। जानकारी के अनुसार प्रभात फेरी की सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए आठ थाना प्रभारी सहित 150 जवान तैनात थे। साथ में 450 से ज्यादा समिति के सदस्य भी मौजूद थे। लाखों लोगों की संख्या में प्रभातफेरी के दौरान एक एसा पल भी आया था जब भीड़ में कई लोगों को खड़े रहने की जगह भी नहीं थी। लोग जेस तैसे भीड़ से अलग हुए लेकिन पुलिस भीड़ पर नियंत्रण नहीं कर पाई। इतनी भीड़ में कई बार विवादिक स्तिथिया भी बनी, विवाद भी हुए लेकिन पुलिस नदारद रही।
आरोपितों का भाजपा कनेक्शन
शुभम रघुवंशी की हुई हत्या में पुलिस ने यश पिता जितेंद्र गोधा 20 निवासी भागीरथपुरा और युवराज पिता राम चंद्र यादव 18 को गिरफ्तार है। लोकेश अनिकेत, कपिल यादव और अंकित की तलाश जारी है। सूत्रों के अनुसार वारदात में शामिल संदेही काला यादव, हिमांशु यादव, ऋषभ पाल, राहुल चौकसे और कृष्णा प्रजापति को पुलिस के हिरासत के लिया है, जिसमें काला यादव भाजपा पार्षद का भतीजा है। वहीं, युवराज, कपिल और यश का राजनीतिक बैकग्राउंड है।
डिवाइडर से गिरने के बाद हुआ था विवाद
प्रभातफेरी जब अन्नपूर्णा रोड की तरफ मुड़ी तब युवाओं का समूह फेरी देखने डिवाइडर पर चड़ने लगे, लेकिन भीड़ ज्यादा होने पर वह एक दूसरे पर गिरने लगे। उसी दौरान यश और युवराज के साथ आया कृष्णा डिवाइडर गिर गया। इस बात पर शुभम और उसके दोस्तों ने कृष्णा की पिटाई कर दी थी। कृष्णा के सर से खून निकलता देख यश, युवराज सहित सभी आरोपी आक्रोशित हो गए और शुभम को पकड़ कर चाकू मार दिए।