• पहले भी चर्चाओं में आ चुका है सोम डिस्टलरीज ग्रुप
  • शराब फैक्ट्री में नाबालिग बच्चों से करवा रहे थे घंटो तक काम
  • बिजनेस पार्टनर के सुसाइड मामले में आ चुका है अरोड़ा बंधुओं का नाम
  • 3 करोड़ रुपए के खरीदे थे इलक्ट्रोल बॉन्ड
  • टैक्स चोरी में हो चुकी है अरोड़ा बंधुओं की गिरफ्तारी

द पब्लिकेट, रायसेन/भोपाल। शनिवार को एनसीपीसीआर (NCPCR) कि टीम बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ से शिकायत मिलने के बाद रायसेन स्थित सोम डिस्टलरीज शराब फैक्ट्री पहुंची। यहां पर 59 नाबालिग बच्चों से शराब फैक्ट्री में काम करवाया जा रहा था। मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने नाबालिगों को रेस्क्यू किया। वहीं, खबर सामने आने के बाद आबकारी और श्रम विभाग के ऑफिसर्स को भी सस्पेंड किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी सख्त कार्रवाई के आदेश दिए है।

रायसेन के सेहदगंज इलाके में जगदीश अरोड़ा की सोम डिस्टलरीज की शराब फैक्ट्री में एनसीपीसीआर (NCPCR) कि टीम पहुंची। यहां पर 59 नाबालिग बच्चों से शराब फैक्ट्री में 15-15 घंटे काम करवाया जा रहा था, इससे फैक्ट्री में काम करने से कई नाबालिगों के हाथ तक गल चुके थे। पुरी जांच करने के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सभी बच्चों को बाहर किया और फैक्ट्री सील कर दी। मामले में मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान लिया जिसके बाद प्रभारी जिला आबकारी कन्हैयालाल अतुलकर, उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया है। वहीं, इस मामले में जांच में बाद शराब फैक्ट्री के मालिक जगदीश अरोड़ा पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

20 लड़किया और 39 लड़के फैक्ट्री में काम करते हुए मिले

फैक्ट्री मलिक जे के अरोड़ा की सोम डिस्टलरीज फैक्ट्री में 20 लड़किया और 39 लड़के मिले। वह सब घंटो तक फैक्ट्री में काम करते थे, जिसके कारण उनके हाथ तक गल चुके थे। इस मामले में जगदीश अरोड़ा को 6 महीने जेल या 1 लाख का जुर्माना लग सकता है।

एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दिल्ली से आकर रायसेन में छापा मारा था और ये भी बताया कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी बैठी जाएगी जो इस मामले की पूरी जांच करेगी। मामले में जांच के बाद बच्चों को पुनर्वास मिलेगा। मुआवजा भी प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

इस विषय पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस मामले में अपनी नाराज़गी साझा की। दरअसल, आबकारी विभाग के कुछ अफसरों को सोम डिस्टलरीज में निकयुक्त किया गया था वहां के उत्पादन पर ध्यान देने के लिए। इसमें मुख्य के.एच अतुलकर को ये जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन मामला सामने आने के बाद अतुलकर सहित 5 और अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, दूसरी और श्रम विभाग को भी बराबर का दोषी माना जा रहा है। इस अपराध पर नजर ना रखने के लिए श्रम अधिकारी मेहदेले को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

अरोड़ा बंधुओं के पुराने कारनामे

बिजनेस पार्टनर के सुसाइड मामले में आ चुका है अरोड़ा बंधुओं का नाम

सोम डिस्टलरीज में बिजनेस पार्टनर राधेश्याम सेन ने पिछले महीने सुसाइड किया था। राधेश्याम ने जहर खाने के बाद कार में बैठ कर विडियो बनाया था, जिसमे उन्होंने जगदीश, अजय और अनिल अरोड़ा पर धोका देने का इल्जाम लगाया था। अरोड़ा पर पार्टनरशिप के पैसे ना देने और 15 लाख दे कर मुंह बंद कराने की बात बताई थी। वीडियो में उन्होंने अपने बच्चो को कर्जमुक्त करने की मांग की थी। राधेश्याम कर्जे में डूब गए थे और आत्महत्या कर ली थी।

3 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे थे

18 कंपनीज जिन्होंने बीजेपी के 2,010 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे उन्में से एक कंपनी सोम डिस्टलरीज भी थी। सोम डिस्टिलरीज पर छापा पड़ने के बाद उसने 3 करोड़ रुपए बॉन्ड खरीदे थे। सोम डिस्टिलरीज भाजपा को सबसे तेजी से दान देने वाली कंपनी में से एक थी, जिसने अपने प्रमोटरों की रिहाई के 10 दिन बाद भाजपा को 3 करोड़ रुपए का दान दिया था।

टैक्स चोरी में हो चुकी है गिरफ्तारी

कोरोना काल में सोम डिस्टिलरीज के मालिक अजय और जगदीश अरोड़ा को 2020 में 25 करोड़ के टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अरोरा की कंपनी ने बिना बिल और बिना जीएसटी चुकाए 25 करोड़ रुपए का सेनेटाइजर बेच दिया था, जबकि उन्हें इस कारोबार पर सेनेटाइजर पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना था।

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