द पब्लिकेट, इंदौर। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में भाजपा के पदाधिकारी बलजीत सिंह चौहान द्वारा निकाली गई यात्रा में संविधान में लिखी बातों का ध्यान नहीं रखा गया। इसके चलते 10 से ज्यादा बसें प्रभावित हुई और कई यात्री भी परेशान हुए। भाजपा के ही पदाधिकारी की मनमानी के कारण अब भाजपा पर उंगलिया उठ रही है। लेकिन क्या यह मनमानी भाजपा की है क्या व्यक्ति विशेष की ?

भाजपा से अनुसूचित जाती मोर्चा के प्रदेश मंत्री बलजीत सिंह चौहान ने कल संविधान दिवस के दिन विजय नगर चौराहा से लेकर महू तक संविधान गौरव यात्रा निकाली। कार्यक्रम में तकरीबन 300 से ज्यादा गाड़ियां थी। लेकिन गाड़ियां नियम तोड़ते हुए बीआरटीएस की लेन में निकली जिससे कई यात्री और बसें प्रभावित हुई। लेन में ढाई घंटे तक गाड़ियों का काफिला चलता रहा लेकिन प्रशासन और यातायात ने ध्यान नहीं दिया। जबकि यात्रा जिस चौराहे से शुरू हुई उस चौराहे पर ही थाना बना है। यात्रा महू के वेटरनरी कॉलेज पर समाप्त हुई।  

इस मामले में क्या कहेगी भाजपा ?

रैली में नियम कायदे तोड़ने से भाजपा पर सवाल उठ रहे है क्योंकि जिस व्यक्ति ने इस रैली का आयोजन किया वह इस पार्टी के पदाधिकारी है। मीडिया में भी मुद्दा उठ गया है, अब देखना यह है कि भाजपा इस मामले के नियम कायदे तोड़ने वाले के खिलाफ सख्ती करेगी या स्पष्टीकरण देगी ? 

यह कहता है संविधान 

बीआरटीएस की बस लेन में अन्य वाहनों को प्रवेश देने के लिए संविधान का ही हवाला देते हुए आर्टिकल 226 के तहत जनहित याचिका दायर की गई थी। तब कहा गया था कि अन्य वाहनों को निकलने के लिए ज्यादा जगह नहीं बची। इससे अकसर जाम भी लगता है। वहीं अब भाजपा ने संविधान गौरव यात्रा के नाम पर बस लेन में आम वाहनों के प्रतिबंध के बावजूद यात्रा निकाल दी।

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