बाहर भग्त परेशान होते रहे, अंदर गूंजते रहे मस्ताने नारे
बाहर भग्त परेशान होते रहे, अंदर गूंजते रहे मस्ताने नारे शिव के पुजारी…शिव उपासक…जितने भी हों जहां भी हों एक परिवार हैं। शिव परिवार… जब परिवार में कुछ अनिष्ट होता…
बाहर भग्त परेशान होते रहे, अंदर गूंजते रहे मस्ताने नारे शिव के पुजारी…शिव उपासक…जितने भी हों जहां भी हों एक परिवार हैं। शिव परिवार… जब परिवार में कुछ अनिष्ट होता…