द पब्लिकेट, इंदौर। सुखलिया स्थित आईडीए की 200 करोड़ की सरकारी जमीन पर भूमाफिया जयसिंह ठाकुर ने कब्जा कर साईनाथ पैलेस कॉलोनी काट दी। सालभर के अंदर लोगों को प्लॉट बेचकर भूमाफिया निश्चिंत हो गया था लेकिन जब सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत हुई तो आईडीए भी खुलकर सामने आया। हीरा नगर थाने मामला दर्ज होने के बाद भी वह अभी तक फरार है। वहीं, 200 करोड़ की जिस जमीन पर भूमाफिया का कब्जा है वहां से स्मार्ट सिटी की सड़क भी बनना थी लेकिन अब मकान के बाद आईडीए को दिक्कतें आ सकती है।
सुखलिया इलाके योजना क्रमांक 139 की सरकार (आईडीए) की जमीन पर भूमाफिया जयसिंह ठाकुर, कमल चौधरी, मांगीलाल पिता बद्रीलाल चौधरी और जाहिद अली ने अवैध कब्जा कर लिया था। सालभर तक इसके खिलाफ शिकायतें होते रही लेकिन कुछ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पिछले हफ़्ते जब कलेक्टर के सामने शिकायत हुई तो आईडीए कॉलोनी में जेसीबी लेकर पहुंची लेकिन रहवासियों ने विरोध किया। अब यह बात सामने आ रही है कि जिस 200 करोड़ की जमीन को भूमाफिया खुद की बता रहा था वहां से स्मार्ट सिटी की सड़क निकालने वाली है जो सीधे एमआर-10 में बन रहे बस स्टैंड पर निकलेगी। इसका सीधा मतलब यह निकलता है कि भूमाफिया जयसिंह और उसके साथियों के कारण उन सैकड़ों परिवारों का घर तो उजड़ेगा ही तो वहीं, स्मार्ट सिटी की सड़क तय समय पर न बनने से डेवलपमेंट में लेट-लतीफ़ी होगी और आम जानता को भी परेशान होना पड़ेगा। इन सबके बाद भी अभी तक इसकी गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
मामला गरमाता देख कर ली थी सेटिंग
भूमाफिया ने आईडीए के अधिकारी और नेताओं का खास पट्ठा बनकर सेटिंग कर ली थी लेकिन शिकायत हुई तो मामला दबाने में लगा रहा। आईडीए में जब सीएम हेल्पलाइन से शिकायत आई तो उन्होंने हीरा नगर थाने में भूमाफिया के खिलाफ आवेदन दिया। प्रकरण दर्ज होने पर भूमाफिया जयसिंह ने जिला कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका लगाई जिसको आईडीए के अभिभाषक ने खारिज करवा दी। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो भूमाफिया ने पत्नी दीपिका के माध्यम से वहां भी याचिका लगाकर स्टे लिया।
जयसिंह तो सिर्फ मोहरा, असली चहरे और भी
बताया जा रहा है 200 करोड़ के कब्जे में कई ऐसे नाम भी जुड़े है जिनका नाम इस पूरे खेल में नहीं है। सामने भूमाफिया जयसिंह ठाकुर, कमल चौधरी, जाहिद अली है लेकिन इसके पीछे उमाशंकर तरेटिया और रोहित पुरोहित का नाम भी शामिल है जिन्होंने कब्जा होने के बाद जमकर भोले-भाले परिवारों को 5 हजार से लेकर 10 हजार वर्गफीट के रेट में प्लॉट बेचे। इनका नाम अभी तक समाने नहीं आया क्योंकि यह पीछे से गेम खेलकर पैसा कमा रहे है।

