द पब्लिकेट से भव्य द्विवेदी, इंदौर। शहर में एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम पुरस्कार लाने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देश पर नगर निगम कड़ी मेहनत में लगा है। शहर को गार्बेज फ्री सिटी बनने के लिए निगम की कचरा गाड़ी रहवासी और व्यावसायिक इलाकों से कचरा तो उठा रही है, लेकिन समय बचाने के लिए या फिर डीजल बचाने के लिए निगम की कचरा गाड़ियां ट्रेंचिंग ग्राउंड में न जाते हुए आस-पास के इलाकों के खाली प्लॉटों में कचरा गाड़ियां खाली कर रही हैं। ऐसे सुस्त और भ्रष्ट निगमकर्मियों के कारण महापौर और शहर की इज्जत दाओं पर लग सकती है। आपको बता दें, द पब्लिकेट के पास कल आरंडिया इलाके के एक खाली प्लॉट पर कचरा गाड़ी खाली करने का वीडियो सामने आया है।

द पब्लिकेट के वीडियो में जोन 22 वार्ड 36 की निगम की गाड़ी से चोरी छुपे बायपास स्थित आरंडिया इलाके की ख़ाली जमीन पर कचरा फेंका जा रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि निगम की गाड़ी का ड्राइवर ड्राइविंग सीट पर बैठा है। बाकी दो अन्य निगमकर्मी गाड़ी पर खड़े होकर कचरा फेंक रहे थे। घटनाक्रम के दौरान जब रिपोर्टर कैमरा लेकर निगम की गाड़ी के पास पहुंचा तो उसमें नंबर प्लेट भी नहीं थी। प्लॉट पर कचरा गाड़ी के ड्राइवर से बात हुई तो वाह कहने लगा कि हम कचरा उठा रहे है। हम्मे कोई कचरा नहीं फेंका। ड्राइवर से जब गाड़ी नंबर न होने का कारण पूछा तो वह बोला कि गाड़ी नई खरीदी है इसलिए नंबर नहीं है। ड्राइवर ने कचरा गाड़ी नंबर (MP 09 AJ 7024) बताया है। बातचीत के दौरान जब निगमकर्मी समझ गए कि खबर अधिकारियों को न लग जाए तब उन्होंने वापस फेंके गए कचरे को प्लॉट से निकालकर गाड़ी में डालना शुरू कर दिया। वीडियो के बाद द पब्लिकेट की टीम ने जोन 22 के मुख्य स्वास्थ निरीक्षक वीरेंद्र सिंह चौहान और नगर निगम के स्वास्थ विभाग के ऑफिसर अभिलाष मिश्रा से बात की है।

आप वीडियो भेज दीजिए, जोन 22 की गाड़ी कचरा उठाती है, डालती नहीं है। अगर इडा कुछ हो रहा है तो सेवा समाप्ति को कार्रवाई होगी।
वीरेंद्र सिंह चौहान, जोन 22 मुख्य स्वास्थ निरीक्षक
आप वीडियो भेज दो, में चेक कर बताता हूँ।
अभिलाष मिश्रा, नगर निगम स्वास्थ विभाग ऑफिसर


