- आरोपियों में इंजीनियरिंग स्टूडेंट भी शामिल, बड़ा षडयंत्र सामने आया
द पब्लिकेट, बिहार। सीबीआई द्वारा चिकित्सा प्रवेश परीक्षा (नीट) में अनियमितताओं की जांच की जा रही है, उसने इस मामले में अब तक सेकड़ो प्रकरण दर्ज किए , जिसमें 60 गिरफ्तारियां हो चुकी है। जानकारी में सामने आया है की सीबीआई ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक सिविल इंजीनियरिंग का छात्र था।
बिहार के हजारीबाग में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के डिब्बे (जिसमे पेपर रखे जाते है) से नीट-यूजी के पेपर चुरा लिए जाने से पहले एक व्यक्ति और उसके सहयोगी को आज सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पंकज कुमार को पटना से, राजू सिंह को जमशेदपुर से और मिस्टर कुमार उर्फ आदित्य को गिरफ़्तार किया। बताया जा रहा है आदित्य एनआईटी जमशेदपुर से 2017 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहले ही हजारीबाग को NEET-UG पेपर लीक के स्थान के रूप में निश्चित किया था। CBI की जांच के अनुसार, यह पेपर हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में लीक हुआ था। CBI ने बताया कि वहां पहुंचने वाले दो पेपर सेट्स की सीलें टूटी हुई थी, लेकिन स्कूल प्रबंधक ने इस मामले को दबा दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “SBI हजारीबाग से नौ प्रश्न पत्र सेट अलग-अलग केंद्रों के लिए भेजे गए थे। जो सेट्स ओएसिस स्कूल के केंद्र तक पहुंचे, उनकी सीलें टूट गई थी। स्कूल के स्टाफ ने कोई अलार्म नहीं बजाया, इससे उनकी भूमिका स्पष्ट हो गई।”
“टेक्निकल एविडेंस के आधार पर, उन्होंने पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल में छानबीन की थी जहां कुछ जले हुए पेपर्स मिले थे,” उन्होंने बताया कि बाद में यह मामला बिहार आर्थिक अपराध इकाइ (EOU) द्वारा लिया गया था। “21 जून को, NTA ने बताया कि कोड ओएसिस स्कूल में पाए गए पेपर्स से मिलता जुलता था।” स्कूल के प्रिंसिपल, डॉ. एहसानुल हक, जो हजारीबाग में NEET-UG परीक्षा के जिला समन्वयक भी थे, और उनके सहायक प्रिंसिपल इम्तियाज आलम, जो केंद्र समन्वयक थे। सीबीआई ने इस परीक्षा में हुए आरोपों की जांच के लिए कई प्रकरण दर्ज किए है। अब तक लगभग 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या था नीट मामला
उल्लेखनीय है, इस वर्ष 5 मई के दिन NEET-UG रखी गई थी। परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा एमबीबीएस, बीडीएस, और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में सरकारी और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए थी। परीक्षा के रिजल्ट में 67 छात्रों को 720 अंक हासिल हुए थे। मामले में तूल पकड़ने के बाद सीबीआई ने जांच की तो पता चला कि एक ही परीक्षा केंद्र में बेठे छात्रों की एक जैसे अंक आए है। मामले उजागर होने के बाद सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हो गया था। इसपर सीबीआई ने बिहार, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में प्रकरण दर्ज किए।
बता दें कि इस साल, परीक्षा को 5 मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित किया गया था, जिसमें 14 केंद्र विदेश में थे। इस परीक्षा में लगभग 23 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था।