द पब्लिकेट, इंदौर। इंदौर भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे को प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। रणदिवे को पार्टी का प्रदेश महामंत्री नियुक्त किया गया है। शहर के चार अन्य नेताओं को भी प्रदेश स्तर पर स्थान मिला है, लेकिन गौरव की नियुक्ति पर सबसे अधिक उत्साह कार्यकर्ताओं में देखा गया।
नगर अध्यक्ष रहते हुए गौरव रणदिवे ने संगठन में जबरदस्त सक्रियता दिखाई थी। उनके कार्यकाल में भाजपा की सदस्यता अभियान ने रिकॉर्ड बनाया था। यही कारण रहा कि प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। गौरव भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के भी करीबी माने जाते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत में तिगड़ी ने किया था कमाल
इंदौर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के स्वागत कार्यक्रम के दौरान गौरव रणदिवे, सावन सोनकर और एकलव्य सिंह गौड़ की तिगड़ी ने आयोजन में दमदार उपस्थिति दर्ज की थी। कहा जा रहा है कि इसी कार्यक्रम के बाद से ही प्रदेश नेतृत्व की नजर इस टीम पर रही। नतीजा यह हुआ कि गौरव रणदिवे को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह मिली। हालांकि एकलव्य गौड़ को परिवारवाद की वजह से इस बार पद नहीं मिला, जबकि सावन सोनकर गौरव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते दिखे।
भगवान सिंह परमार को अनुसूचित जाति मोर्चा का अध्यक्ष पद
सांवेर के वरिष्ठ भाजपा नेता भगवान सिंह परमार को अनुसूचित जाति मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। परमार पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं और विधानसभा चुनाव में दावेदारी भी जता चुके हैं। पिछली कार्यकारिणी में वे मोर्चा महामंत्री थे। संगठन के लंबे अनुभव को देखते हुए उन्हें अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नए चेहरे और नई जिम्मेदारियां
इस बार कार्यकारिणी में इंदौर के कई नेताओं ने उपाध्यक्ष और महामंत्री पद की दावेदारी की थी, जिनमें दो भाजपा नेत्रियां भी शामिल थीं, लेकिन संगठन और संघ की पसंद गौरव रणदिवे बने। इसके अलावा डॉ. निशांत खरे, जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं, उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। निमाड़ से सुमेर सिंह सोलंकी को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है।
किसानों को साधने की जिम्मेदारी जयपाल सिंह चावड़ा को
संघ में वर्षों तक सक्रिय रहे जयपाल सिंह चावड़ा को भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे पूर्व में इंदौर के संगठन मंत्री और आईडीए अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अब उन्हें किसानों से जुड़े मुद्दों जैसे सिंहस्थ के लिए ली जा रही भूमि, इंदौर बायपास निर्माण और अधिग्रहण से जुड़ी नाराज़गी को संभालने की बड़ी चुनौती दी गई है।

