द पब्लिकेट, इंदौर। भूमाफिया और आईडीए अधिकारियों की मिलीभगत से 200 करोड़ की अवैध जमीन पर बन चुके मकानों पर बुधवार जेसीबी चलाने के लिए आईडीए के ही अधिकारी पहुंच गए, जबकि यह जमीन आईडीए की है लेकिन भूमाफिया जय सिंह ठाकुर ने कब्जा कर आईडीए से सांठ-गांठ कर सैकड़ों परिवारों को जमीन बेचकर करोड़ों रुपए भी हड़प लिए। अब कॉलोनी के रहवासियों को पेर से जमीन फिसलने का डर सता रहा है।
सुखलिया इलाके स्थित जंगली आश्रम के पीछे बनी साईंनाथ पैलेस कॉलोनी (योजना क्रमांक 139) में बुधवार के दिन अतिक्रमण करने आईडीए अधिकारी टीम लेकर पहुंचे। टीम ने कॉलोनी से दो मकानों पर अतिक्रमण किए। कॉलोनी की जमीन 80 हजार स्वुअरे फीट की है जिसमें करीब 65 हजार स्वुअरे फीट में परिवारों में अपना आशियाना बना लिया। अधिकारियों ने अतिक्रमण करने से थोड़े दिन पहले ही मकानों पर नोटिस चस्पा कर दिए थे, लेकिन अभी तक उस भूमाफिया जयसिंह ठाकुर और उसके साथी कमल चौधरी, मांगीलाल पिता बद्रीलाल चौधरी, कमल चौधरी और जाहिद अली के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई जिन्होंने सरकारी जमीन कब्जा कर अवैध कॉलोनी काटकर भोले-भाले परिवारों से करोड़ों रुपए हड़प लिए और अब फरार है।
दबाव में आकर जेसीबी लेकर पहुंचे अधिकारी
बताया जा रहा है सरकारी जमीन के मामले में शिकायतकर्ता ने पिछले हफ्ते ही जनसुवाई में कलेक्टर को शिकायत की थी, जिसके बाद आईडीए अधिकारियों को ना चाहते हुए भी अतिक्रमण करना पड़ गया। हैरानी कि बात ये कि सालभर में कई बार इस जमीन की शिकायतें हो चुकी है, लेकिन अभी तक आईडीए के अधिकारी खुद की सरकारी जमीन भूमाफिया जयसिंह ठाकुर से छुड़ा नहीं पाए। यूँ भी कह सकते है कि आईडीए के अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश की ही धज्जियां उड़ाकर भूमाफिया से मिलोभगत कर ली। और अब आदेश निकला तो कॉलोनी में जाकर सिर्फ दो मकान तोड़कर कानपूर्ति की कार्रवाई कर दी।
अभी तक फरार है भूमाफिया
आपको बता दें, भूमाफिया जयसिंह ठाकुर, कमल चौधरी, मांगीलाल पिता बद्रीलाल चौधरी, कमल चौधरी और जाहिद अली के खिलाफ साईनाथ पैलेस कॉलोनी के मामले में हीरा नगर थाने में रिपोर्ट हो चुकी है पर अभी तक सब पुलिस हिरासत से दूर है।
मुआवजा लेकर आईडीए को लगाया चूना
विशेष सूत्रों से जानकारी मिली कि जिस जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर अवैध कॉलोनी काटी वह पहले कमल सिंह चौहान की थी। आईडीए ने कमल से जमीन लेकर बाकायदा मुआवजा भी दिया था, लेकिन बाद में कमल ने ज़ाहिद अली को जमीन दे दी। उसने जयसिंह ठाकुर के साथ मिलकर सालभर पहले से अवैध कॉलोनी काटना शुरू कर दी। बैक डेट में रजिस्ट्री और नोटरी बनवाकर लोन दिलवाया और 10 हजार से रेट से प्लॉट बेच दिए।

