द पब्लिकेट, इंदौर। शराब पीकर पुलिसिंग कर बेफिजुल आमजन को मामूली बातों पर ठांसना और मारना विजय नगर थाने के एक पुलिसकर्मी और थाना प्रभारी को भारी पड़ गया। कैबिनेट मिनिस्टर के कॉल के बाद मामला कमिश्मर सहित जोन दो के अधिकारियों तक पहुंचा और थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल पर जांच बैठ गई। ड्राइवर अहमदाबाद के बड़े व्यापारी का ड्राइवर निकला जिसका संपर्क कैबिनेट मिनिस्टर से तगड़ा है।
असल में 17 सितंबर की देर रात चित्रा नगर निवासी राघवेंद्र रघुवंशी महू से लौटते समय अपनी कार रोककर खाली प्लॉट पर पैशाब कर रहा था। इसी बीच विजय नगर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल की गाड़ी आकर खड़ी हुई। उसमें एक अन्य पुलिसकर्मी भी बैठा था। उसने ड्राइवर को बुलाया और गालियां देते हुए खड़े रहने का कारण पूछा। जवाब में ड्राइवर ने पैशाब करने की बात कही तो पुलिसकर्मी भड़क गया और गाड़ी से उतरकर गालियां देते हुए थप्पड़ जड़ दिए। इसपर ड्राइवर ने पुलिसकर्मी को कह दिया कि आपके शराब पी रखी है। यह सुनकर पुलिस की गाड़ी से खुद थाना प्रभारी बाहर निकले और ड्राइवर की चाबी-मोबाइल छिनने के बाद दोनों हाथों से थप्पड़ मारे। ड्राइवर ने चाँटे मारने का कारण पूछा तो बोले की यहां क्यों खड़े थे। दोनों ने ड्राइवर का वीडियो बनाकर नाम-पता पूछने के बाद गाड़ी थाने में ले जाने की बात बोली। लेकिन ड्राइवर को अगले दिन क्लाइंट को लेकर बाहर जाना था इसलिए उसने माफी माँगी। इसके बाद भी पुलिसकर्मी और टीआई ने ड्राइवर के अहमदाबाद निवासी सेठ से बात की उसे बोला तुम कहां सके गुंडे हो, सुबह थाने आकर मिलो, जिसके बार ड्राइवर को मोबाइल-चाबी देकर छोड़ दिया।
कमिश्नर से हो गई शिकायत
घटना के बाद ड्राइवर ने अहमदाबाद निवासी सेठ से बात की तो उन्होंने कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय को कॉल किया। जिन्होंने कमिश्नर संतोष सिंह से बात कर घटना बताई। ड्राइवर खुद कमिश्नर सिंह से मिला और पूरी घटना बताई। सुनने के बाद कमिश्नर ने ड्राइवर से टीआई के खिलाफ लिखित आवेदन लिखवाया। डीसीपी-एसीपी को जांच के आदेश दिए है।

