द पब्लिकेट, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार को जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए , मध्य प्रदेश के विभिन्न थाना परिसरों में निर्माणाधीन मंदिरों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी ।कोर्ट में राज्य सरकार से सवाल किया कि आखिर कैसे शासकीय जगह पर मंदिर बन रहे हैं।

सतीश वर्मा जबलपुर याचिकाकर्ता  द्वारा जबलपुर के विभिन्न थाना परिसरों में मंदिरों के निर्माण की शिकायत याचिका के जरिए माननीय न्यायालय में की गई थी। साथी विभिन्न थाना परिसर में निर्माणाधीन मंदिरों के फोटोग्राफ और वीडियो प्रस्तुत किए गए थे। जिसको माननीय न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए सवाल किया ,कि किसके आदेश से थाना परिसरों में मंदिरों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने निर्माणाधीन मंदिरों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और पूर्व निर्मित मंदिरों के बारे में नोटिस जारी करने को कहा है। 

याचिकाकर्ता  का कहना है स्वयं थानेदारों द्वारा थानों के अंदर मंदिर बनवाए जा रहे है ,और जब इसके विषय में उनको रोकने के लिए आदेश दिया गया, तो उस पर भी कोई कार्यवाहि नहीं हुई। तत्कालीन कलेक्टर ने भी कोई एक्शन नहीं लिया।

 उन्होंने न्यायालय से प्रार्थना की है की सभी अवैध धार्मिक स्थलों को हटाया जाए और जिम्मेदार अधिकारी जिनका काम था सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना उनके द्वारा चुकी स्वयं निर्माण किया,उन पर भी सिविल सर्विस रूल्स के तहत एक्शन लिया जाए।

सतीश वर्मा याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है पुलिस थानों पर अवैध रूप से मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल पहले इस बारे में आदेश दिए थे, कि सार्वजनिक स्थानों पर खासकर की ऑफिसेज, पब्लिक रोड पर इस तरह के मंदिरों का निर्माण नहीं होना चाहिए। इसके लिए सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को आदेशित किया गया था ,कि कलेक्टर के द्वारा इस आदेश का पालन किया जाए और वर्तमान में भी बनते समय सभी कलेक्टर,डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और एसपी को इस बारे जानकारी दी गई थी,परंतु किसी के द्वारा इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना है कि सभी थानेदार द्वारा दृष्टा दिखाते हुए न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया गया। 

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव अनुराग जैन, डीजीपी सुधीर सक्सेना को नोटिस देकर जवाब मांगा है। नोटिस गृह विभाग नगरीय प्रशासन विभाग इन्हें भी दिया गया है।हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन, मुख्य सचिव अनुराग जैन, डीजीपी सुधीर सक्सेना, जबलपुर जिले के एसपी, चार थानों के थाना प्रभारी के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया है।  इस मामले में अगली सुनवाई 19नवंबर को की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 DJ Digital Venture