हैरत की बात : निगम को अब पता चला कि शहर के सैकड़ों भवन में नहीं है पार्किंग व्यवस्था

द पब्लिकेट, इंदौर। दिल्ली में एक बेसमेंट में पानी घुसने से तीन युवाओं की मौत के बाद इंदौर के नगर निगम ने एक सर्वे रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें हैरत कर देने वाली जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 1100 बेसमेंट में से सिर्फ 100 बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था है, बाकी में अतिक्रमण है। हैरत कर देने वाली बात तो यह भी है कि निगम से सामने जब यह ऊंचे भवन तन रहे थे, तब निगम चुप क्यों था। उस समय ही अगर भवन संचालक को सभी निर्देश बता दिए होते, तो शहर की  सभी बेसमेंट में सही पार्किंग व्यवस्था होती।

नगर निगम की टीम ने अलग-अलग जोन में निरक्षण किया तो यह जानकारी सामने आई। निरक्षण के दौरान देखा गया कि 1100 में से सिर्फ 100 ऐसे बेसमेंट है जहां पर नियम के अनुसार पार्किंग दी गई है। बाकी 1000 बेसमेंट में हॉस्पिटल, रेस्टोरेंट, दुकान या फिर कोचिंग क्लास संचालित हो रही है। यह सब अतिक्रमण में आती है। यह सब खुलेआम संचालित हो रही है। नगर निगम अब इस सभी को बंद करवा कर पार्किंग की व्यवस्था के लिए तैयार करवाएगा। नगर निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने बताया बेसमेंट में अवैध रूप से कार्य संचालित करने वाले भवनों की जांच लगातार चल रही है।

बता दें, बेसमेंट में व्यावसायिक कार्य संचालित करने वालों को निगम ने 10 दिन पहले सार्वजनिक सूचना पत्र दिया था। पत्र में बेसमेंट में कार्य संचालित बंद करने और  बेसमेंट को पार्किंग के लिए उपयोग करने को कहा था। एक महीना होते ही उन बेसमेंट के खिलाफ निगम कार्रवाई करेगा।

एक दिन में तो नहीं बना होगा अवैध बेसमेंट

महापौर पुष्यमित्र भार्गव और आयुक्त शिवम शर्मा के निर्देश पर नगर निगम की जांच माना सही है, लेकिन ऐसा तो नहीं हो सकता कि इन बेसमेंट में कुछ दिन पहले ही यह सब संचालित हो रहा है। इसका मतलब क्या नगर निगम को अब समझ में आ रहा है कि यह अवैध बेसमेंट है ? क्या नगर निगम इतने वर्षों से सो रही थी, की उनके सामने इतने बड़े और ऊंचे भवन तन गए और उन्होंने ध्यान नहीं दिया ?

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