विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है

द पब्लिकेट। दुनियाभर के कई देशों में मुंकीपॉक्स वायरस धीर- धीरे फैल रहा है। मध्य और पूर्वी अफ्रीका में इसके मामले ज्यादा पाए गए है। भारत में अबतक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सतर्कता बरतने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स (Monkeypox) को दूसरी बार वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।

यह वायरस पहले तो जानवरों से इंसान में फैल रहा था, किंतु अब ये इंसानों से इंसानों में भी फैल रहा है। इसका नया स्ट्रैन ज्यादा आसानी से फैल सकता है। एक्स्पर्ट्स का कहना है कि मंकीपॉक्स वायरस हवा में नहीं फैलता है। इस बीमारी से घबराने की नहीं बस अलर्ट रहने की जरूरत है।

● वायरस के शुरुआती लक्षण

संक्रमित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठदर्द व मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
बुखार उतरने पर शरीर पर चक्कते आ जाते हैं।जो अक्सर चेहरे से शुरु होते है और शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल जाते हैं। इन चक्कतों पर खुजली या दर्द हो सकता है।यह संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिनों तक रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है। गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर और खासतौर पर मुँह, आँख और गुप्तांगों पर होते हैं।

●मंकी पॉक्स वायरस फैलता कैसे है?

मंकी पॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसमें यौन संबंध, त्वचा से त्वचा का संपर्क और संक्रमित व्यक्ति से करीब से बात करना भी शामिल है। संक्रमित शख्स की छुई हुई चीजों का प्रयोग करने से भी यह फैल सकता है। जैसे कि बिस्तर,कपड़े या तौलिया। वायरस संक्रमित जानवर जैसे कि बंदर, चूहे और गिलहरी के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है।
● आवश्यक सावधानियां-

• मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के करीब न जाए।
•आस-पास वायरस फैला हो तो,साबून से हाथ धोते रहे। •संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट कर देना चाहिए,जब तक वह ठीक न हो जाए।
•संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के 12 हफ़्तों बाद भी सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।

इस वायरस की वैक्सीन है, लेकिन कई देशों में यह उपलब्ध नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दवा निर्माताओं से कहा है कि वे वैक्सिन के इमरजेंसी इस्तमाल के लिए आगे आएं।

● भारत में इसका कितना खतरा ?
मंकीपॉक्स के खतरे की संभावना को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को इसे लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने तैयारियों का जायजा लेते हुए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल एमपॉक्स का खतरा नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि एमपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएंगे।
समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि सावधानी के तौर पर सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाक्षेत्र में सतर्कता बरतने,32 परीक्षण प्रयोगशालाओं को तैयार करने, किसी भी मामले का पता लगाने और उसका निवारण करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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