भारी बारिश से तबाही, प्रशासन का अलर्ट: सुरक्षित स्थानों पर जाएं
द पब्लिकेट, वायनाड, केरल। केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 123 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कई लोग अभी भी फंसे हुए हैं। वायनाड जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है।
भूस्खलन से वायनाड के मुंडक्काई, अत्तमला, चूरलमला और कुण्होम जैसे कई क्षेत्र तबाह हो गए हैं। इन इलाकों में सड़कों और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है।
भारी बारिश और पुल टूटने की वजह से राहत कार्यों में काफी दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन 200 से अधिक सेना के जवानों को बचाव कार्य में तैनात किया गया है। अब तक, 3,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। वायनाड में 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि चालयार नदी से 16 शव मिले हैं। स्थानीय अस्पतालों में 123 से ज्यादा घायल लोग भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे “पूरे क्षेत्र का सफाया” करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री से बात कर केंद्र सरकार की हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।
वायनाड जिला पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, जो बारिश के दौरान अक्सर भूस्खलन का शिकार होता है। 2018 में बाढ़ और 2019 में पुथुमाला में भूस्खलन ने यहां काफी तबाही मचाई थी।
स्थानीय निवासी रशीद पदीक्कलपराम्बन ने बताया कि आधी रात को कम से कम तीन भूस्खलन हुए। राघवन सी अरुणमाला ने मलबे में फंसे एक व्यक्ति को मदद के लिए पुकारते हुए देखा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो वायनाड के पूर्व सांसद हैं, बुधवार को जिले का दौरा करेंगे और राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण करेंगे।
लगभग 350 परिवार प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश चाय और इलायची के बागानों में काम करने वाले लोग थे। 10 में से 14 जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
भारी बारिश की चेतावनी के चलते वायनाड और आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।