द पब्लिकेट, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीजेपी सांसद कंगना रनौत की लोकसभा चुनावी जीत को रद्द कर दिया है। यह आदेश किन्नौर के निवासी लायक राम नेगी की याचिका पर आया है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनके नामांकन पत्रों को चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से अस्वीकृत कर दिया था। इस फैसले के बाद निर्वाचन आयोग को नई चुनाव प्रक्रिया की तैयारी करनी होगी और कंगना रनौत की राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कंगना रनौत की लोकसभा सीट को रद्द कर दिया है। यह आदेश लायक राम नेगी द्वारा दायर की गई याचिका पर आया है। नेगी ने दावा किया कि चुनाव अधिकारी ने उनके नामांकन पत्रों को गलत तरीके से खारिज कर दिया था। उनके अनुसार, अगर उनके दस्तावेज सही तरीके से स्वीकार कर लिए जाते, तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे और वे चुनाव जीत सकते थे।
नेगी की याचिका में यह आरोप लगाया गया कि उनके साथ न्याय नहीं हुआ और उनकी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया गया। अदालत ने नेगी की याचिका को गंभीरता से लेते हुए यह फैसला सुनाया कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखना जरूरी है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब निर्वाचन आयोग को इस फैसले के अनुसार कार्रवाई करनी होगी। इसमें नई चुनाव प्रक्रिया की संभावना शामिल हो सकती है। यह आदेश चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और न्याय की महत्वता को फिर से उजागर करता है और यह दिखाता है कि चुनावी प्रक्रियाओं में कोई भी त्रुटि गंभीर परिणाम ला सकती है।
इस निर्णय के बाद, कंगना रनौत की राजनीतिक स्थिति पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। अब देखने की बात होगी कि निर्वाचन आयोग इस आदेश के अनुरूप किस प्रकार की कार्रवाई करता है और इस मामले की आगे की प्रक्रिया क्या होगी।